साहित्य लहर

कविता : अठखेलियां शब्दों की

कविता : अठखेलियां शब्दों की, मस्तिष्क करता प्रेरित अंगुलियों को विचरने लगती कलम कागज पर और होने लगती अठखेलियां शब्दों की… #व्यग्र पाण्डे (कवि/लेखक)

आंखें पथरा जाती
या फिर हो जाती मदहोश
देखकर किसी दृश्य को
तब होने लगती

कवि मन में हलचल
या फूटने लगते
विद्रोह के स्वर
थामने को फिर

मस्तिष्क करता प्रेरित
अंगुलियों को
विचरने लगती कलम
कागज पर
और होने लगती
अठखेलियां शब्दों की…


व्यग्र पाण्डे (कवि/लेखक), कर्मचारी कालोनी, गंगापुर सिटी (राज.) 322201 (भारत)

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम


कविता : अठखेलियां शब्दों की, मस्तिष्क करता प्रेरित अंगुलियों को विचरने लगती कलम कागज पर और होने लगती अठखेलियां शब्दों की... #व्यग्र पाण्डे (कवि/लेखक)

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