कविता : चांद

इस समाचार को सुनें...

राजीव कुमार झा

जीवन
नीला एक आकाश
सभी दिशाओं में
अपना घर
सागर लहरों का हार
आकाश में
चिड़ियों की उड़ानें

रोज घर आंगन में
गूंजते
अरी प्रिया
जीवन के तराने
यहां तुम्हारा घर है!

सारी खुशियां
इसी उदास
बेला में
थोड़ी देर में
आकाश
सितारों से
अब भर जाएगा

मन का चांद
हमारी आंखों में
तब उग आयेगा
अरी प्रिया
यह शाम
नदी किनारे
खूब सुहानी है!

जीवन
नीला एक आकाश
सभी दिशाओं में
अपना घर
सागर लहरों का हार
आकाश में
चिड़ियों की उड़ानें


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

राजीव कुमार झा

कवि एवं लेखक

Address »
इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights