साहित्य लहर

जीना सीखो

राजीव डोगरा

अपने लिए न सही
दूसरों के लिए जीना सीखो।
गम से भरे चेहरों को
ज़रा खिलखिलाना सीखो।

मोहब्बत में तो
हर कोई मुस्कुराता है
दिल टूट जाने पर भी
ज़रा जीना सीखो।

अपनो ने दगा दे दिया तो
क्या हुआ ?
गैरों को अपना बनाकर
गले लगाना सीखो।

मिट्टी हुए जीवन के
संजोये हुए ख्वाब तो
क्या हुआ ?
उस मिट्टी को ही
अपने सीने से लगाकर
अपना बनाना सीखो।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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डॉ. राजीव डोगरा

लेखक एवं कवि, (भाषा अध्यापक) गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा

Address »
गांव जनयानकड़, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) | मो : 9876777233

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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