साहित्य लहर

कविता : सीख भावि योद्धा

कविता : सीख भावि योद्धा… तुमको आगे बढ़ना होगा। पथ में तेरे कांटे होंगे संभल कर हीं चलना होगा, मुश्किल में न कभी घबराना धैर्य तुम्हें तो धरना होगा। उज्जवल भविष्य तुम्हारा है जीवन लक्ष्य को पाना होगा, बच्चों तुम हो भावि योद्धा तुमको आगे बढ़ना होगा। #डॉ उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

सुबह-सवेरे उठकर बच्चों
नमन् धरा को करना होगा,
मात-पिता के चरण-धूली को
मस्तक तिलक लगाना होगा।

भारत माता राह देखती
उनकी रक्षा करना होगा,
बच्चों तुम हो भावि योद्धा
तुमको आगे बढ़ना होगा।

पथ में तेरे कांटे होंगे
संभल कर हीं चलना होगा,
मुश्किल में न कभी घबराना
धैर्य तुम्हें तो धरना होगा।

उज्जवल भविष्य तुम्हारा है
जीवन लक्ष्य को पाना होगा,
बच्चों तुम हो भावि योद्धा
तुमको आगे बढ़ना होगा।

कविता : हारा-थका किसान


कविता : सीख भावि योद्धा... तुमको आगे बढ़ना होगा। पथ में तेरे कांटे होंगे संभल कर हीं चलना होगा, मुश्किल में न कभी घबराना धैर्य तुम्हें तो धरना होगा। उज्जवल भविष्य तुम्हारा है जीवन लक्ष्य को पाना होगा, बच्चों तुम हो भावि योद्धा तुमको आगे बढ़ना होगा। #डॉ उषाकिरण श्रीवास्तव, मुजफ्फरपुर, बिहार

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