लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करता है एक-एक वोट
कृतिका द्विवेदी ‘कृति’
सीधी, मध्य प्रदेश
यूं तो हमारे देश में चुनावों का होना एक आम बात है अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर देश में चुनाव होते रहते हैं जैसे कि इस समय हमारे मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत जिला जनपद के चुनाव होने हैं ।ठीक आने वाले एक-दो वर्षों में पांच राज्यों में एक साथ विधानसभा के चुनाव होने हैं।
चुनाव एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की नीव हैं।भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश माना जाता है। चुनाव प्रणाली में लोगों को किसी भी उपयुक्त उम्मीदवार के लिए वोट डालकर अपनी सरकार चुनने का अधिकार देती है। इस प्रकार से लोकतंत्र में लोक भावना का समावेश होता है।
इससे लोक कल्याण प्रकट होता है। लोकतंत्र में जनकल्याण की भावना से सभी कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। जनकल्याण की भावना एक-एक करके हमारे सामने कार्य रूप में दिखाई पड़ने लगते है। लोकतंत्र का महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि लोकतन्त्र में सबकी भावनाओं का सम्मान होता है और सबको अपनी भावनाओं को स्वतन्त्र रूप से प्रकट करने का पूरा अवसर मिलता है ।
अक्सर कुछ लोग यह सोचते है कि हमारे एक के वोट देने ना देने से क्या फर्क पड़ता है,परन्तु ऐसा नहीं है। हर नागरिक के एक वोट का बहुत महत्व है, क्यूंकि उम्मीदवार कभी भी एक या दो वोट से जीत या हार जा सकता है। हार-जीत का फैसला एक वोट पर भी निर्भर करता है। सभी का यह कर्त्तव्य है, कि वह हमेशा वोट दे। सजक, बुद्धिमान और जागरूक नागरिक चुनावों को सफल बनाने में देश का योगदान देते है।
भारत जैसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी मतदान का बहुत ज्यादा महत्व है। हमारा मत देश का भविष्य तय करता है। हमारा मतदान यह तय करता है हम अपने देश में किस तरह के सरकार को चाहते है। मगर! अगर हम अपने दायित्व का पालन न करते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेते है तो इससे देश का बड़ा नुक्सान होता है। देश के हर एक नागरिक का एक कर्त्तव्य है की वह चुनाव प्रक्रिया में अपना मतदान दे और देश में एक ईमानदार और सक्षम सरकार की स्तापना करे।
लोग गुप्त मतदान के माध्यम से वोट डाल सकते हैं और अपनी राय बता सकते हैं जिससे यह पता चलता है की अपने देश को चलाने के लिए उपयुक्त दल या व्यक्ति कौन है। जिस उम्मीदवार, दल को बहुमत मिलता है, वह सत्ता में आता है और देश के संचालन के कार्य का जिम्मेदारी उठाते है। भारत में चुनाव नगरपालिकाओं, विधानसभावों और संसदों के लिए होते हैं। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रति पाँच वर्ष बाद आयोजित किए जाते हैं।
इन पांच वर्षो के दौरान लोगो को अपने चुने हुए प्रतिनिधि के समाज और देश के उन्नति के प्रति किये कार्यो का आंकलन करने का अधिकार है। लोग द्वारा चुने गए प्रतिनिधि को जनहित का ध्यान रखना पड़ता है। कई राजनीतिक दल चुनाव में भाग लेते हैं। वे अपने मुद्दे को आम आदमी के साथ साझा करते हैं। वे अपने नागरिकों के लाभ के लिए और राष्ट्र के विकास के लिए उनके द्वारा किए गए सभी कार्यों पर प्रकाश डालते हैं ताकि आम जनता उन्हें वोट दे सके। भारत निर्वाचन आयोग देश में पूरी चुनाव प्रक्रिया का संचालन और प्रबंधन करता है।
प्रत्येक नागरिक का मत देश का आने वाला भविष्य निर्धारित करता है। देश के बागडोर किस सरकार के हाथ में जाएगा, वह चुनाव द्वारा होता है। सभी नागरिको का यह परम कर्तव्य है, कि वह अपना बहुमूल्य वोट देकर, एक सही सरकार का फैसला करे जिसमे छल- कपट ना हो। एक ईमानदार, सच्चा और मज़बूत सरकार के निर्माण के लिए, हमारा हर एक वोट माईने रखता है।
लोकतंत्र में चुनाव एक महोत्सव की तरह होता है, इस माहोल में हर जगह कड़ी सुरक्षा प्रदान की जाती है। जगह जगह पार्टी के बैनर होते है, यह पूर्ण रूप से देशवासी पर निर्भर करता है कि वे किसे वोट देना चाहते है। सभी लोगो को मतदान में हिस्सा लेना चाहिए, ताकि एक भ्रष्ट संगठन, सरकार के पद पर बैठकर समाज का नुकसान ना करें। ऐसी तमाम भ्रष्ट मानसिकता के लोग जो सत्ता और पद के माध्यम से भ्रष्टाचार करके देश को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
ऐसे लोगों द्वारा आम जनता को दिए गए लोकलुभावन वादे या लालच में कभी भी नहीं आना चाहिए ।जिससे देश को एक ईमानदार छवि का नेतृत्व करने वाला व्यक्तित्व मिल सके। जो देश के लिए अच्छा कार्य कर सके। देश के प्रति दायित्व निभाने के लिए, सभी को वोट देना चाहिए। यह लोगो का हक़ है। लोगो के द्वारा चुना गयी एक अच्छी सरकार, सुचारु रूप से इस राष्ट्र को आगे ले जाने में सहायक सिद्ध हुआ करती है।