उत्तराखण्ड समाचार

राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर सीएम धामी ने प्रदेशभर के चिकित्सकों को किया सम्मानित

देहरादून | राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए सरकारी व निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के सेवा-समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें समाज का स्तंभ बताया और कहा कि डॉक्टरी एक ऐसा पेशा है, जो केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि एक “नोबल प्रोफेशन” है – सेवा, संवेदना और करुणा का प्रतीक।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आए प्रत्येक डॉक्टर से मिलकर उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया और कहा कि रोगी और उनके परिवार की संकट की घड़ी में डॉक्टर जीवन की सबसे बड़ी आशा बनते हैं। उन्होंने डॉक्टरों से आह्वान किया कि वे अपने आचरण और सेवा से “धरती के भगवान” की छवि को हमेशा जीवंत बनाए रखें।

स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक प्रगति :

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि:

  • 58 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड अब तक वितरित किए जा चुके हैं।
  • 11 लाख से अधिक मरीजों को अब तक 2100 करोड़ रुपये से अधिक के कैशलेस उपचार का लाभ मिल चुका है।
  • हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।
  • पांच कॉलेज संचालित हो चुके हैं, दो और निर्माणाधीन हैं।
  • देहरादून, श्रीनगर और हल्द्वानी में सुपर स्पेशियलिटी विभाग भी क्रियाशील हैं।
  • हल्द्वानी में पहला आधुनिक कैंसर संस्थान निर्माणाधीन है।
  • हेली एंबुलेंस सेवा अब राज्य के सभी क्षेत्रों के लिए शुरू की गई है।
  • 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों को अब राज्य में मुफ्त किया गया है।
  • टेलीमेडिसिन सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषज्ञ परामर्श संभव हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध हो सकें। साथ ही, जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है।

भारतीय चिकित्सा परंपरा को बताया गौरव

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भारत की चिकित्सा परंपरा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोध पर आधारित रही है। उन्होंने आचार्य नागार्जुन और महर्षि सुश्रुत जैसे आयुर्वेद और शल्य चिकित्सा के जनकों को स्मरण करते हुए कहा कि आज के डॉक्टर उसी गौरवशाली ज्ञान परंपरा को आधुनिक विज्ञान के माध्यम से जीवंत बनाए हुए हैं।

कोविड महामारी में डॉक्टरों की भूमिका को बताया ऐतिहासिक

मुख्यमंत्री ने कोरोना काल की चर्चा करते हुए डॉक्टरों की सेवा भावना को “मानवता के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित होने योग्य” बताया। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी, तब डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे रहे।

कार्यक्रम में कई वरिष्ठ चिकित्सक रहे मौजूद

इस अवसर पर डॉ आर के जैन, डॉ गीता खन्ना, डॉ सुनीता टमटा, डॉ कृष्ण अवतार, डॉ आर एस बिष्ट, डॉ अशोक कुमार, डॉ आशुतोष स्याना, डॉ महेश कुड़ियाल, डॉ प्रशांत, डॉ नंदन बिष्ट समेत प्रदेश के कई प्रतिष्ठित सरकारी एवं निजी चिकित्सक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य चिकित्सकों के योगदान को सम्मानित करना था, साथ ही यह अवसर राज्य सरकार की स्वास्थ्य नीतियों, योजनाओं और उपलब्धियों को सामने लाने का भी बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिले, और इसके लिए राज्य लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है।


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