सरकारी मकान व दफ्तराें में अब स्मार्ट मीटर
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देहरादून। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य गति पकड़ने लगा है। देहरादून में ऊर्जा निगम की ओर से सरकारी आवास व कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए सर्वे भी कराया जा रहा है। ऊर्जा निगम की ओर से मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के सरकारी आवास पर स्मार्ट मीटर लगा दिया गया है। इससे पहले प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के आवास पर भी मीटर लगाया गया था। आरडीएसएस योजना के तहत पूरे प्रदेश में करीब 16 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि शुक्रवार को मुख्य सचिव के आवास पर स्मार्ट मीटर लगाया गया। इस योजना के तहत प्रदेश के 15.87 लाख घरों और एनर्जी अकाउंटिंग में सुधार के लिए 59212 वितरण परिवर्तक व 2602 पोषकों पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर की स्थापना ऊर्जा के तीनों निगमों के विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के आवास व अन्य सरकारी विभागों में लगाने के बाद आम उपभोक्ताओं के घरों में चरणबद्ध तरीके से लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर एक ऐसा आधुनिक बिजली मीटर है, जिसका नियंत्रण उपभोक्ताओं के हाथ में होगा। साथ ही उपभोक्ता न्यूनतम 100 रुपये के रिचार्ज से भी बिजली चालू कर सकेंगे।
विद्युत उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से बिजली खपत से जुड़ी सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी, पल-पल के बिजली के उपयोग की जानकारी, सभी जरूरी सूचनाओं के संदेश, गलत बिजली बिल के झंझट से छुटकारा मिलने के साथ ही सोलर उपभोक्ताओं को इसी मीटर को नेट मीटर में बदलने की सुविधा भी मिलेगी। दून में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी है, इसके लिए उपभोक्ताओं के घरों का सर्वे भी शुरू हो गया है। ऐसे में पुराने मीटर की एडिशनल सिक्योरिटी वसूलने का विरोध हो रहा है। पुराने मीटर जल्द बदल दिए जाएंगे और उनकी सिक्योरिटी मनी उपभोक्ताओं को वापस की जाएगी। ऐसे में अब लोग ऊर्जा निगम प्रबंधन से बिजली बिल में सिक्योरिटी डिपोजिट न लेने की मांग कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता गीता बिष्ट ने ऊर्जा निगम प्रबंधन को पत्र लिखकर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम की ओर से उपभोक्ताओं के घरों पर प्रीपेड मीटर लगाने के लिए सर्वे किया जा रहा है।
दूसरी तरफ उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों में एडिशनल सिक्योरिटी डिपोजिट के नाम पर अतिरिक्त धनराशि ली जा रही है। जिसकी वजह से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। कहा कि अधिकारियों ने अवगत कराया था कि प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की जमानत राशि को ब्याज सहित वापस किया जाएगा। ऐसे में अब यह धनराशि लिए जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके अलावा उन्होंने सवाल उठाया कि नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लगाने का विकल्प ही नहीं दिया जा रहा है, जबकि कई उपभोक्ता सब स्टेशनों में नया कनेक्शन लेते समय प्रीपेड मीटर की मांग कर रहे हैं।