नववर्ष का त्यौहार

नववर्ष का त्यौहार, काफी लोग गोवा के नाइट क्लबों में भी जाकर नववर्ष मनाते हैं लेकिन हमारे देश में नववर्ष आमतौर पर यहां के जनसामान्य का त्योहार ही माना जाता है और इस… बिहार से राजीव कुमार झा की कलम से…
हमारे देश में आजादी के बाद यूरोपियन कैलेंडर को अपनाया गया और तब से नववर्ष के रूप में एक जनवरी को मनाने की परंपरा शुरू हुई.इस दिन नववर्ष को हमारे देश में ब्रिटिश काल से ही मनाया जाता है और अंग्रेजों ने यहां यूरोपियन कैलेंडर को लागू किया था और इस समय से ही नववर्ष यहां एक जनवरी को मनाया जाता है.
हमारे देश में चैत के पहले दिन को नववर्ष मनाया जाता है और इस दिन होली का त्योहार भी होता है और इस प्रकार हमलोग अब साल में दो बार सबसे पहले शीत ऋतु में एक जनवरी को और फिर वसंत ऋतु के अंत में नववर्ष मनाते हैं. नववर्ष हम चाहे जिस समय मनाएं इसका संदेश जीवन में खुशियों को लेकर आता है और सबको जीवनपथ पर सुख शांति से नये क्षितिज की ओर अग्रसर करता है.
एक जनवरी को सारी दुनिया में नववर्ष मनाया जाता है और हम लोग भी इसमें शरीक होते हैं और इस दिन नववर्ष की शुरुआत रात्रि बारह बजे से ही शुरू हो जाती है. इस समय गीत गाकर उमंग उल्लास से नववर्ष मनाया जाता है और हमारे देश में भी इस वक्त सरकारी टेलीविजन चैनलों पर भी नववर्ष के विशेष कार्यक्रम प्रसारित होते हैं.
समाज के समृद्ध और आधुनिक जीवन संस्कृति के लोग इस दिन क्लबों में जाकर नववर्ष मनाते हैं और अपनी पत्नी परिवार बाल बच्चों के अलावा लोग गर्लफ्रेंड और प्रेमिकाओं को भी यहां आमंत्रित करते हैं. देश के प्रसिद्ध क्लबों में इस दिन यहां प्रवेश के लिए विशेष कूपन जारी होते हैं.
काफी लोग गोवा के नाइट क्लबों में भी जाकर नववर्ष मनाते हैं लेकिन हमारे देश में नववर्ष आमतौर पर यहां के जनसामान्य का त्योहार ही माना जाता है और इस तबके के लोग सादगी और प्रेम से मनाते हैं. इस दिन लोग बाग बगीचों नदीतट तालाब और जंगल में जाकर पिकनिक मनाते हैं.
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