साहित्य लहर
मेरी पहली होली
सुनील कुमार
मेरी पहली होली तेरे साथ
दे गई एक सुखद एहसास
तन संग भीगा मन भी आज
मेरी पहली होली तेरे साथ।
गालों पर तूने जब मला गुलाल
दिल में जागा मेरे अरमान
बाहों में भर लूं तुझको आज
मेरी पहली होली तेरे साथ।
डालूं न तुझ पर अबीर-गुलाल
प्रीत के रंग से रंग दूं आज
मेरी पहली होली तेरे साथ।
हाथों में लेकर तेरा हाथ
पूरे कर दूं सब अरमान
रह न जाए कोई मलाल
मेरी पहली होली तेरे साथ।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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बहुत ही सुंदर रचना