डांस दीवाने डांस के मंच पर मातृत्व शक्ति का डंका

सुनील कुमार माथुर

एक जुलाई 2022 को डाॅक्टर्स डे मनाया गया तब साहित्यकारों ने अपने आलेखों में कहा था कि डाँक्टर धरती के देवता नहीं अपितु एक शुभचिंतक है जिनका एक ही ध्येय है कि रोगी को रोग मुक्त करना इसी के साथ उसका यह भी प्रयास रहता हैं कि उसके पास आया रोगी पूरी तरह से ठीक होकर जाये और फिर भविष्य में वह कभी भी बीमार न पडे । इसलिए डाॅक्टर रोगी का शुभ चिंतक कहलाता हैं।


इसके दूसरे दिन 2 जुलाई 2022 को जी टीवी पर डांस दीवाने डांस के मंच पर सुपर मोम्स ( super moms ) का शो आरम्भ हुआ । शनिवार व रविवार को दो दिन तक रात्रि नौ बजे से जी टीवी पर सुपर मोम्स ने अपने डांस का जो जल्वा दिखाया उसे देखकर दर्शक दंग रह गये ।

कहते हैं कि मां बनना मुश्किल हैं और मां बनकर मंच पर अपना हुनर दिखाना और भी बडी बात हैं । मां जो भी करती हैं वह बेहतरीन के लिए ही करती हैं इसमें कोई दो राय नहीं है तभी तो मां के लिए कहा जाता हैं कि मां तो मां ही होती हैं और वह अपने परिवार , समाज व राष्ट्र की बेहतरीन के लिए अपने जन्म से लेकर आखिरी समय तक कुछ भी कर सकती हैं । छ: माह की गर्भवती महिला ने डॉक्टर की उपस्थिति में सुपर मोम का खिताब हासिल कर वाह – वाह भी लूटी ।

डांस दीवाने डांस के मंच पर हर वर्ग की महिलाओं ने अपना – अपना हुनर डांस के जरिये दिखला कर वाह – वाह लूटी । डांस दीवाने डांस के मंच पर महिलाओं ने यह साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी वे आज अपना जलवा दिखाने में किसी से कम नहीं है । पारिवारिक पृष्ठभूमि से अगर महिलाओं को प्रोत्साहन मिल जाये तो वे अपने हुनर व प्रतिभा को निखारने में चार चांद लगा देने में किसी से भी कम नहीं है ।

अगर दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो जीवन में कभी भी आयु बाधा नहीं बन सकती हैं । बस आपकी सकारात्मक सोच होनी चाहिए और परिवार का भरपूर सहयोग । डांस दीवाने डांस के मंच पर महिलाओं ने जो डांस प्रस्तुत किये उन्होंने अपना डंका बजवा दिया कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं है ।

श्रमिक वर्ग की महिला वर्षा ने अपने डांस से यह साबित कर दिया कि हर मां के दिल में न केवल बच्चों के प्रति ममता व परिवारजनों के लिए अपार स्नेह होता हैं अपितु उसके दिल के एक कोने में उसकी प्रतिभा भी छिपी होती हैं जिसे बस उडान भरने के लिए प्रोत्साहन की जरूरत हैं । वर्षा कमठे पर तगारिया उठाने का कार्य करती हैं और बच्चे की आदर्श मां व पति की आदर्श संगिनी होने के बावजूद अपने डांस से मंच पर तालियां बजवा कर मातृत्व शक्ति का डंका बजवा दिया ।

उसने बताया कि उसके पति ने उसे सदैव प्रोत्साहन दिया और कहा कि उसका ( मेरा ) प्रयास बेकार न जायें । वह भले ही कमठे पर तगारियां ऊंचाती हो मगर हकिकत में वह एक सुपर मोम हैं । उसके हुनर को देखकर जब जजों ने उससे कहा कि वह इस सुपर मार्केट से कोई सा भी अपनी पसंद का आइटम ले सकती हैं । इसके बावजूद भी वर्षा ने सोफासेट , वाशिंग मशीन , फ्रीज जैसे कीमती सामानों को छोडकर केवल गद्दे ( बिस्तर ) का चयन किया ।

जब उससे इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि उसके पति जमीन पर चटाई बिछाकर सोते हैं और उनके लिए एक गद्दे की लम्बे समय से चाह थी जो आज पूरी हो गई । वास्तव में सुपर मोम का अपने पति के प्रति यही सच्चा प्यार हैं।


डांस दीवाने डांस के मंच ने सदैव हर वर्ग के लोगों को अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए एक अच्छा मंच प्रदान किया हैं जिस पर अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाकर प्रतिभाओं ने समाज व राष्ट्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं । जिन लोगों को कल तक समाज के लोग , अपनी ही गली – मौहल्ले व गांव के लोग हेय दृष्टि से देखते थे वे ही लोग आज उनके हुनर को देखकर गौरवान्वित हो रहे हैं और उनके साथ सेल्फी ले रहें है । देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है बस जरूरत है तो उन्हें सही समय पर प्रोत्साहन देने वालों की ।

जीवन में कभी हिम्मत न हारे अपितु दूसरों की हिम्मत का सहारा बनें । जीवन में तो कठिनाइयां आती और जाती रहती हैं । लेकिन एक बार हिम्मत टूट गयी या हार मानकर बैठ गये तो फिर से खड़ा होना एवं अपने आपकों संभाल पाना बडा ही कठिन कार्य हैं । अतः अपने हौसले बुलंद रखें और हिम्मत न हारें । जीवन में सदैव स्वस्थ रहें और मस्त रहें।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

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33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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