ईश्वर का आशीर्वाद
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
बचपन से ही मैं एकांत प्रिय रहा हूं । ईश्वर में मेरी आस्था हमेशा से ही रही है । मैं गायत्री परिवार से भी जुड़ा रहा हूं । मैंने कई बार ईश्वरीय कृपा का अनुभव किया है । बारहवीं में जब पढ़ता था तब आर्य समाज के संपर्क में आ गया और राम-कृष्ण से थोड़ी आस्था कम हो गई, लेकिन पूर्णतः खत्म नहीं हुई । साधु संतों में श्रद्धा भी नहीं रही ।
घटना वर्ष 2021 के अंत की है । विधायक जितेंद्र वर्मा ने अपने गांव- विठ्ठोनी ( बाह-आगरा) में एक विशाल धार्मिक अनुष्ठान करवाया । हजारों साधु संत पधारे । भोजन प्रसाद पाने के लिए मैं भंडारे से एक दिन पहले ही अपने गांव के प्रधान के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया था । हम लोगों ने विशाल कार्यक्रम स्थल को घूम- घूम कर देखा ।
हजारों साधु संतों के दर्शन किए । मुझे एक साधु बाबा ने आकर्षित किया । वे निर्वस्त्र थे और सबसे अलग अकेले ही यज्ञ में तल्लीन थे । मैंने उन्हें प्रणाम किया और मित्रों को बताया कि मुझे सभी साधुमंडली में ये बाबा ही सिद्ध बाबा लगते हैं ।
दूसरे दिन भंडारे का शुभारंभ हो चुका था । प्रसाद व दान दक्षिणा गृहण करके वे साधु बाबा जाने की तैयारी करने लगे । हमारा सौभाग्य उसी समय हम लोग उनके तंबू पर पहुंच गये । उन्होंने प्रसाद के तौर पर अपने छोटे से झोले में हाथ डाला और मुट्ठी भरकर अच्छी गुणवत्ता वाली टाॅफीं निकालीं । बाबा जी ने बांटना शुरू किया तो लेने वाले खत्म हो गये पर उनके छोटे से झोले से टाॅफियां खत्म नहीं हुईं । वे हाथ डालते मुट्ठी भरकर निकाल लेते । ये चमत्कार नहीं बल्कि ईश्वर का आशीर्वाद था ।
मैंने पहली बार अपनी आंखों से ये अद्भुत दृश्य देखा । एक छोटे से झोले में हजारों टाॅफियां कहाॅं से आ गईं… । साधु बाबा मुस्कुराते हुए अपने गंतव्य की ओर चले गये । उनका प्रसाद पाकर हजारों लोग आश्चर्यचकित थे।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »मुकेश कुमार ऋषि वर्मालेखक एवं कविAddress »ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9876777233Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|