बापू को चिट्ठी

डॉ० धारा बल्लभ पांडेय ‘आलोक’
बापू लिख रहा चिट्ठी आज।
तुमको अपने देश के काज।
स्वच्छ शांति सेवा शिक्षा से,
भी ना बदले स्वदेश आज।।
कोई धरना रैली करते।
देश लूटने आतुर होते।
सरकारी हड़ताली बनकर,
काम नहीं पर दाम चाहते।
देश भक्ति व देश प्रेम का।
झंडारोहण माल्यार्पण का।
मात्र दिखावा और छलावा,
ढोल पीटकर जयकारा का।।
चरखा टूटा बकरी खाई।
सेवाग्राम घास उग आई।
सन्मति प्रभु से जो माँगी थी,
भूल गये सब पीर पराई।।
नेता केवल वोट माँगते।
न्याय-नियम को नहीं निरखते।
स्वार्थभाव से जन भड़काकर,
इक दूजे की टाँग खींचते।।
गाँधी-गाँधी सभी पुकारें।
मर्यादा को कोई न जानें।
सत्य-अहिंसा के पथ भूलें,
आज अहं को ही पहचानें।।
यह कैसा आदर्श बना है।
यह कैसा संसार चला है।
असत् राह पर चलकर नेता,
हर कोई जयचंद बना है।।
संसद में भी कुर्सी तोडें।
सारी मर्यादाएं तोड़ें।
दीन दुर्बलों को भड़का कर,
राजनीति हथगोले छोड़ें।।
बापू जन-जन यह कहता है।
पल पल याद तुम्हें करता है।
शांतिमार्ग से आजादी दी,
जन-जन यही विनय करता है।।
आओ बापू आज धरा पर।
भारत की इस दिव्य धरा पर।
फिर से सत्याग्रह का दीपक,
आज जला दो बापू आकर।।
👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…
WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO
FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/
Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/
Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar
YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A