पहली बार एक लाख करोड़ के पार पहुंचा बजट, 13.38% अधिक रहा
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देहरादून। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 101175.33 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। जारी वित्तीय वर्ष से इस बार का बजट 13.38 प्रतिशत अधिक है। 24 वर्षों में बजट का आकार 24 गुना बढ़ा है। पहली बार राज्य का बजट एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। अपने करीब 1.20 घंटे के भाषण में अग्रवाल ने विकसित भारत में सशक्त उत्तराखंड योगदान का संकल्प दोहराया। कहा कि इस संकल्प को सरकार ज्ञान और नमो मंत्र से पूरा करेगी।
इसमें 59854.65 करोड़ राजस्व व 41220.68 करोड़ पूंजीगत व्यय शामिल है। सरकार को नए वित्तीय वर्ष में 101034.74 करोड़ राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसमें 62540 करोड़ राजस्व व 38494.21 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियों का योगदान होगा। कर मुक्त बजट में राजस्व घाटे का अनुमान नहीं है। अलबत्ता 12504.92 करोड़ के राजस्व घाटे की संभावना है, जिसे वित्त मंत्री ने एफआरबीएम एक्ट की सीमा के भीतर बताया। उन्होंने कहा कि बजट में अवस्थापना कार्यों पर खर्च के लिए 14763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने नमो बजट को नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत और ओजस्वी मानव संसाधन के जरिये परिभाषित किया। उन्होंने नवाचार में पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रणामीकरण, ऊर्जा दक्ष पंप, स्मार्ट मीटर, विज्ञान केंद्र, साइंस सिटी आदि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर उत्तराखंड के तहत कृषि, ऊर्जा, संयोजकता, आयुष, उद्योग और अवसंरचना, पर्यटन पर फोकस करेगी।
ये सप्तऋषि समृद्ध, सशक्त और विकसित उत्तराखंड के आधार हैं। महान विरासत के तौर पर सरकार शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत दर्शन की सुगमता, हरिद्वार और ऋषिकेश का पुनर्विकास और शारदा रिवर फ्रंट की योजनाओं पर काम करेगी। मानव संसाधन के तौर पर सरकार उद्यमिता, स्टार्ट अप, नॉलेज इकॉनोमी, कृत्रिम बुद्धिमता (एआई), खेल सुविधाएं, खिलाडि़यों और किसानों को प्रोत्साहित करने का काम करेगी। उन्होंने ज्ञान मंत्र का जिक्र किया कि बजट में सरकार ने गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी कल्याण को केंद्र में रखा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में जो नई योजनाएं लेकर आए हैं, उनमें वेंचर फंड बनाने, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, प्रवासी उत्तराखंड परिषद, यूआईटीडीबी को परामर्शी सेवाओं व सर्विस सेक्टर सब्सिडी, रेणुका जी बांध परियोजना में राज्य की अंशपूंजी, खेल विवि की स्थापना, होम कल्याण कोष, सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा प्रमुख है। अग्रवाल ने कहा कि बजट में गरीबों की पेंशन के लिए 1,811.66 करोड़, विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी के 918 करोड़, अन्नपूर्ति योजना के लिए 600 करोड़, पीएम आवास योजना 255 करोड़ का प्रावधान किया गया है। युवाओं के तकनीकी और कौशल विकास व छात्रवृत्ति, निशुल्क सुविधाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधानों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए भी बजट विभिन्न योजनाओं में प्रोत्साहन के लिए बजट की व्यवस्था की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना के लिए 625 करोड़, सौंग परियोजना के लिए 75 करोड़, लखवाड़ के लिए 285 करोड़, विशेष पूंजीगत सहायता के लिए 1500 करोड़, जलजीवन मिशन के लिए 1843.44 करोड़, लोनिवि के तहत सड़कों व पुलों के निर्माण व रखरखाव के लिए 1268 करोड़, पीएमजीएसवाई के लिए 1065 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए 30 करोड़, परिवार पहचानपत्र के लिए 10.28 करोड़, राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन के लिए 10.28 करोड़, गो सदनों व निराश्रित पशुओं के लिए 70 करोड़, गैरसैंण में अवस्थापना कार्य के लिए 20 करोड़, सीएम स्वरोजगार योजना के लिए 60 करोड़ व सीएम पलायन रोकथाम योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने सबसे पहले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। देवभूमि, तपोभूमि, वीरभूमि और खेलभूमि का भी जिक्र किया। बजट की शुरुआत उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की कविता यह वंदन की भूमि से किया। पीएम मोदी को प्रेरणा बताया। बजट भाषण देने के लिए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल हाथों में बजट की अटैची थामे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सदन में पहुंचे। उन्होंने पहाड़ी टोपी धारण की हुई थी और स्लेटी सूट पहना था। 43 पन्नों का भाषण पढ़ने में उन्हें एक घंटा बीस मिनट लगे।