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उत्तराखण्ड समाचार

उभरती प्रौद्योगिकी पर देश-दुनिया के विशेषज्ञों ने किया मंथन

उभरती प्रौद्योगिकी पर देश-दुनिया के विशेषज्ञों ने किया मंथन, डेटा विश्लेषण में वो शक्ति है, जो प्रिस्क्रिपटिव एनालिटिक्स के ज़रिये भविष्य की विभिन्न संभावनाओं को प्रदर्शित कर सकती है। साथ ही उन्होंने प्रोसेस माइनिंग पर भी चर्चा की। वहीं, केएमयूटीएनबी बैंकाक के विशेषज्ञ…

विज्ञान के क्षेत्र में दुनियाभर में उभरती हुयी प्रौद्योगिकी पर जानकारी साझा करने के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें देश दुनिया के जाने माने विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये। मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान बोलते हुए मुख्य अतिथि संजय गुप्ता, वरिष्ठ निदेशक (आईटी), एनआईसी, उत्तराखंड ने डाटा साइंस और उसके प्रयोग पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि विश्व के बदलते परिदृश्य के अनुसार तकनीकी भी बहुत तेज़ी से बदल रही है और उसी रफ़्तार से डाटा साइंस का प्रयोग भी बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। उन्होंने ‘वाहन सारथी’ एप्लीकेशन के निर्माण में डाटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर प्रकाश प्रकाश डालते हुए नयी तकनीकी को अपनाने पर ज़ोर दिया। वहीं, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, प्रयागराज के डीन प्रोफ़ेसर ओपी व्यास ने यूरोप में उनके द्वारा किये गए तकनीकी कार्यों की जानकारी साझा की।

NIC वरिष्ठ निदेशक (आई टी) संजय गुप्ता को सम्मानित करतीं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ प्रीति कोठियाल.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि डेटा विश्लेषण में वो शक्ति है, जो प्रिस्क्रिपटिव एनालिटिक्स के ज़रिये भविष्य की विभिन्न संभावनाओं को प्रदर्शित कर सकती है। साथ ही उन्होंने प्रोसेस माइनिंग पर भी चर्चा की। वहीं, केएमयूटीएनबी बैंकाक के विशेषज्ञ डॉ. फयुंग मीसाद ने निर्णय क्षमता के विज्ञान पर आधारित नई तकनीकी पर अपने विचार व्यक्त किये। इसके अलावा डीआरडीओ के विशेषज्ञ डॉ. सुधीर खरे ने स्मार्टफ़ोन्स और स्मार्टवॉचेज़ में इस्तेमाल होने वाले नए उन्नत इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेन्सर्स की जानकारी दी।

इसके अलावा, नाइजीरिया से डॉ. मोहम्मद अबुबकर, आईआईटी रुड़की से प्रोफ़ेसर मिली पंत, एलपीयू पंजाब से डॉ. राखी मुथा ने भी सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरती तकनीकी पर अपनी राय व्यक्त की। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ. प्रीति कोठियाल ने कहा कि संगोष्ठी आयोजित करने का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को उभरती प्रौद्योगिकी के महत्त्व को समझाना था।

ताकि विश्व पटल पर हो रहे तकनीकी बदलाव के अनुसार कार्य किया जा सके। इस दौरान डीन, एसओईसी डॉ. रितिका मेहरा ने भी नयी प्रौद्योगिकी पर अपने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी में उपकुलपति प्रोफेसर डॉ. आरके त्रिपाठी, चीफ़ ऑडिटर डॉ. संदीप विजय, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, शिक्षक व छात्र उपस्थित थे।

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