कला का कोई मोल नहीं : माथुर

कला का कोई मोल नहीं : माथुर, अंशुल माथुर ने कहा कि कलाकार की कला स्वंय बोली हैं और देखने वाले का न केवल स्वच्छ मनोरंजन ही करती हैं अपितु उनमें सकारात्मक सोच भी विकसित करती है। #कार्यालय संवाददाता
जोधपुर। कला का कोई मोल नहीं होता हैं अपितु कला अनमोल होती हैं। यह उद् गार कलाप्रेमी अंशुल माथुर ने मदर्स डे पर अपने चित्रों को जन – जन तक पहुंचा कर व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि सच्चा कला प्रेमी वही हैं जो अपने ध्दारा बनाये गये चित्र का अवलोकन भी एक दर्शक बनकर करे और आवश्यक होने पर उसमें उचित संशोधन करें।
अंशुल माथुर ने कहा कि कलाकार की कला स्वंय बोली हैं और देखने वाले का न केवल स्वच्छ मनोरंजन ही करती हैं अपितु उनमें सकारात्मक सोच भी विकसित करती है।
माथुर ने कहा कि कलाकार को अपनी कला व हुनर का जब भी मौका मिले तब उसे निखारते रहना चाहिए।
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।
देवभूमि समाचार, हिन्दी समाचार पोर्टल में पत्रकारों के समाचारों और आलेखों को सम्पादन करने के बाद प्रकाशित किया जाता है। इस पोर्टल में अनेक लेखक/लेखिकाओं, कवि/कवयित्रियों, चिंतकों, विचारकों और समाजसेवियों की लेखनी को भी प्रकाशित किया जाता है। जिससे कि उनके लेखन से समाज में अच्छे मूल्यों का समावेश हो और सामाजिक परिवेश में विचारों का आदान-प्रदान हो।
Very nice article
Nice
Nice
Very nice article.
Lovely painting.
Very nice
Great 👍
Nice