चंडीगढ़ त्रिभाषीय कहानी दरबार का पहला सफल आयोजन

चंडीगढ़ त्रिभाषीय कहानी दरबार का पहला सफल आयोजन, आखिर रेणु बहल ने उर्दू में अपनी कहानी प्रस्तुति। इस दौरान अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा ” विभिन्न रंगों की पांचों कहानियां सारे भारत का चिंतन समेटे हुए हैं।
चंडीगढ़ सेक्टर 36 के पीपल्स कन्वेंशन हॉल में त्रिभाषीय कहानी दरबार हुआ। इसमें साहित्यकारों ने अपनी लिखी कहानियां सुनाई। चंडीगढ़ साहित्य अकादमी का त्रिभाषीय कहानी दरबार सेक्टर 36 के पीपल्स कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया जिसमें चंडीगढ़ के जाने-माने साहित्यकारों ने हिंदी उर्दू और पंजाबी में स्वरचित कहानियां सुनाई।
पूर्व आई ए एस और कहानीकार बलजीत जी ने मां और बच्चों के संबंध में बहुत ही मार्मिक कहानी सुनाई। साहित्यकार और रंगकर्मी विजय कपूर ने उपलब्धियों के पीछे भागते हुए, जीवन में छूटते हुए अहसासों को एक दम्पति के ज़रिये खूबसूरती से दर्शाया। डॉ राजेंद्र कनौजिया की कहानी लावारिस चेहरे अमीर गरीब आवाम और उनकी आकांक्षाओं को दिखाया गया था।
कवि सुभाष शर्मा ने अपनी कहानी सिटी वाला बाबू पढ़ी। आखिर रेणु बहल ने उर्दू में अपनी कहानी प्रस्तुति। इस दौरान अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा ” विभिन्न रंगों की पांचों कहानियां सारे भारत का चिंतन समेटे हुए हैं। इन कहानियों में कहानी की नई विधा दस्तक देती है। चंडीगढ़ के कहानीकार राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य मैं सीना तान कर खड़े हैं।
कार्यक्रम का संचालन अकादमी के सुभाष भास्कर ने किया। इस मौके पर साहित्यकार डॉ कैलाश अहलूवालिया, मंजू जैदका परमजीत परम, जगदीप सिद्दू सुरजीत सुमन, डॉक्टर शांडिल्य,डॉक्टर सत्यभामा, सुरजीत सुमन, सुनीत मदान,रेखा मित्तल, निशांक, सत्यवती आचार्य, अजय राणा आदि शामिल रहे। हॉल साहित्यकारों और श्रोताओं से खचाखच भरा था।
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