विश्व लंग कैंसर दिवस विशेष : धूम्रपान छोड़ें, जीवन बचाएं
विश्व लंग कैंसर दिवस विशेष :धूम्रपान छोड़ें, जीवन बचाएं… इन प्रयासों से, हम भारत में फेफड़े के कैंसर के मामलों को कम कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर व्यक्ति को समय पर और उचित चिकित्सा सहायता मिले। इस विश्व लंग कैंसर दिवस पर, आइए हम सभी संकल्प लें कि हम लंग कैंसर के खिलाफ इस लड़ाई में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। #अंकित तिवारी
लंग कैंसर, जो विश्वभर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है, हमारे स्वास्थ्य पर एक गंभीर खतरा बना हुआ है। विश्व लंग कैंसर दिवस हमें इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।इस वर्ष के विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस का विषय “देखभाल की खाई को पाटें: हर किसी को कैंसर देखभाल का अधिकार है” भारत में फेफड़े के कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत में, फेफड़े के कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इसके निदान और उपचार में कई चुनौतियाँ हैं, खासकर ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए।
लंग कैंसर के प्रकार – लंग कैंसर के दो मुख्य प्रकार होते हैं: नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी) और स्मॉल सेल लंग कैंसर (एससीएलसी)। एनएससीएलसी सबसे आम प्रकार है, जो लगभग 85% मामलों में पाया जाता है। इसके विकास का मुख्य कारण धूम्रपान है, लेकिन वायु प्रदूषण, रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आना, और आनुवांशिक कारक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लक्षण और निदान – लंग कैंसर के शुरुआती चरणों में कोई विशेष लक्षण नहीं होते, जिससे इसका निदान अक्सर देरी से होता है। सामान्य लक्षणों में लगातार खांसी, खांसी में खून आना, सांस लेने में कठिनाई, वजन कम होना, और सीने में दर्द शामिल हैं। प्रारंभिक निदान और समय पर उपचार लंग कैंसर से लड़ने में महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति इन लक्षणों को महसूस करता है, तो उसे तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।
रोकथाम और उपचार – एम्स ऋषिकेश के कैंसर चिकित्सा विभाग के सह आचार्य एवं कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सहरावत के अनुसार, लंग कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका धूम्रपान छोड़ना है। धूम्रपान न केवल लंग कैंसर बल्कि अन्य कई गंभीर बीमारियों का भी कारण बनता है। नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग भी महत्वपूर्ण हैं, विशेषकर उन लोगों के लिए जो उच्च जोखिम में हैं।
उपचार के विकल्पों में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, और इम्यूनोथेरेपी शामिल हैं। उपचार का चुनाव कैंसर के प्रकार, उसकी अवस्था, और रोगी की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। हाल के वर्षों में, लक्षित चिकित्सा और इम्यूनोथेरेपी ने लंग कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
जागरूकता और सहयोग की आवश्यकता – एम्स ऋषिकेश के कैंसर रोग विशेषज्ञ एवं सह आचार्य डॉ० अमित सहरावत कहते है कि लंग कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता और शिक्षा महत्वपूर्ण हैं। समाज को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना और इसके रोकथाम और उपचार के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना आवश्यक है। सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, और स्वास्थ्य सेवाओं को मिलकर काम करना चाहिए ताकि लंग कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ सके और अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
भारत में फेफड़े के कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए:-
- जागरूकता अभियान: शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में फेफड़े के कैंसर के लक्षण, कारण और रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाना।
- नियमित जांच: प्रारंभिक जांच और नियमित स्वास्थ्य जांच की सलाह देना ताकि कैंसर का प्रारंभिक चरण में ही पता लगाया जा सके।
- धूम्रपान रोकथाम: धूम्रपान के खिलाफ सख्त कदम उठाना और लोगों को इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करना।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना ताकि सभी को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिल सके।
- समान चिकित्सा सुविधा: सभी आर्थिक और सामाजिक वर्गों के लिए समान और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों को फेफड़े के कैंसर की नवीनतम जांच और उपचार विधियों के बारे में शिक्षित और प्रशिक्षित करना।
इन प्रयासों से, हम भारत में फेफड़े के कैंसर के मामलों को कम कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर व्यक्ति को समय पर और उचित चिकित्सा सहायता मिले। इस विश्व लंग कैंसर दिवस पर, आइए हम सभी संकल्प लें कि हम लंग कैंसर के खिलाफ इस लड़ाई में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। अपने और अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें, और समय पर चिकित्सकीय सलाह और उपचार प्राप्त करें। धूम्रपान छोड़ें, स्वच्छ वातावरण का समर्थन करें, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
हमारा छोटा सा प्रयास भी इस गंभीर बीमारी से बचाव में बड़ा अंतर ला सकता है।एम्स ऋषिकेश ऑन्कोलॉजी सेवाएं इस दिशा में भारत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।इन सभी प्रयासों के माध्यम से, ऋषिकेश ऑन्कोलॉजी सेवाएं भारत में फेफड़े के कैंसर की देखभाल में सुधार लाने और सभी लोगों को समान और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में काम कर रही हैं।