यह एक गंभीर मुद्दा है। सैकड़ों स्टूडेंट पहले से ही अपने भविष्य में काफी लेट हो चुके हैं। एक-एक दिन का विलम्ब इनके जीवन को और पीछे धकेल रहा है। राज्य सरकार एवं राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा को इस गंभीर समस्या पर तीव्र गति से सहानुभूति पूर्वक विचार कर ऐसे छात्रों को पास कर देना चाहिए … #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)
जोधपुर। सरकार जहां एक ओर उच्च तकनीकी शिक्षा की बात कर रही हैं वहीं दूसरी ओर आज भी बी टेक के छात्र डिग्री का इन्तजार कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ( आरटीयू ), कोटा प्रबंध मंडल ने समय समय पर इंजीनियरिंग छात्रों को अपने पिछले या लंबित पेपर को पास करने का ‘दया’ मौका दिया है। मगर सूचनाओं के अभाव के कारण अनेक छात्र फिर भी ऐसा मौक़ा चूक गये। वर्ष 2009 से 2014 के बैच वाले छात्रों को अब मर्सी चांस भी नहीं मिल पा रहा है।
आज भी ऐसे सेकडों छात्र हैं, जो एक या दो पेपर में बेक की वजह से अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाए हैं। ये वो छात्र हैं जो दूर दराज़ में रहते हैं या फिर जिनके संबंधित इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो गए और छात्रों को मर्सी चांस की सूचनाएँ नहीं मिल पाई। कोविड-19 माहमारी के कारण भी कुछ छात्रों को समय रहते सूचना नहीं मिल पाई। कई छात्रों ने विश्वविद्यालय से संपर्क कर उन्हें दया का मौका देने का अनुरोध किया।
अतः बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट (बीओएम) को एक बार फिर से इन छात्रों को राहत देने के बारे में सहानुभूतिपूर्वक विचार विमर्श कर इन छात्रों की डिग्री प्रदान कर देनी चाहिए. वर्ष 2009 से 2014 तक के बेंच वाले छात्रों को कम से कम दस नंबर के ग्रेस अंक प्रदान कर छात्रों के भविष्य को बचाकर छात्रों एवं अभिभावकों को राहत देनी चाहिए। शुरुआती वर्षों के छात्रों को बैक पेपर से संबंधित नियमों और विनियमों के बारे में भी उचित जानकारी नहीं थी।
आर टी यू ही इन छात्रों की डिग्री पाने के अपने सपने को पूरा कर सकती हैं और उनके कॅरिअर बर्बाद होने से भी बचा सकती है ताकि डिग्री हासिल कर ऐसे छात्र नौकरी और आगे की पढ़ाई कर सकें। आज यह सभी स्टूडेंट अपने भविष्य की ओर देख रहे हैं। डिग्री ना होने की वजह से इन्हें अपना भविष्य अधर में लटकता दिखाई दे रहा है। स्टूडेंट्स का दर्द ये भी है कि सिर्फ एक ही विषय में बैक पेपर है लेकिन उसकी वजह से अभी तक न तो कोई प्रतियोगिता परीक्षा दे पा रहे हैं न ही आगे की पढ़ाई कर पा रहे हैं।
यह एक गंभीर मुद्दा है। सैकड़ों स्टूडेंट पहले से ही अपने भविष्य में काफी लेट हो चुके हैं। एक-एक दिन का विलम्ब इनके जीवन को और पीछे धकेल रहा है। राज्य सरकार एवं राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा को इस गंभीर समस्या पर तीव्र गति से सहानुभूति पूर्वक विचार कर ऐसे छात्रों को पास कर देना चाहिए जिनके एक या दो पेपर की वजह से डिग्री नहीं मिल पा रही है या फिर कम से कम 10 नंबर ग्रेस अंक प्रदान कर उस दायरे में आने वाले छात्रों को पास कर देना चाहिए।
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