बारिश के मौसम में बेहद खतरनाक हो जाते हैं ये झरनें
बारिश के मौसम में बेहद खतरनाक हो जाते हैं ये झरनें… मेघालय में स्थित नोहकलिकाई झरना 360 मीटर ऊंचाई से गिरता है। यह झरना इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा बारिश होती है। मेघालय की राजधानी चेरापूंजी के पास नोहकलिकाई झरना स्थित है। यह झरना ऊंचाई से तालाब जैसी आकृति में दिखता है।
भारत में घूमने के लिए वैसे तो बहुत सारी जगहें हैं, जो मानसून के दौरान बेहद खूबसूरत हो जाती हैं। मानसून में इन जगहों का नजारा अन्य जगहों से काफी सुंदर होता है। इसलिए बारिश के मौके पर लोग ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं। लेकिन बारिश के दौरान इन जगहों पर जाने से पहले लोकेशन के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए।
क्योंकि बारिश के मौसम में लोग झरने देखने के लिए जाते हैं। लेकिन इन जगहों पर थोड़ी सी लापरवाही आपकी जान ले सकती है। हालांकि झरना ऊंचाई से गिरता है, इसलिए यह बहुत ज्यादा सुंदर लगता है। ऐसे में अगर आप भी मानसून में झरने देखने का प्लान बना रहे हैं, तो बता दें कि भारत में कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां पर बारिश के मौसम में जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
कुंचीकल झरना – भारत देश हरे-भरे जंगलों से लेकर मनमोहक पहाड़ों से घिरा है। कुंचीकल झरना मानसून के दौरान बेहद सुंदर हो जाता है। लेकिन इस जगह के पास जाना बेहद खतरनाक हो सकता है। यह झरना कर्नाटक राज्य में वाराही नदी पर स्थित है। जो भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। बारिश में इस झरने पर तेजी से पानी गिरता है। क्योंकि पानी के कारण यहां पर मौजूद पत्थर चिकने हो सकते हैं।
बरेहीपानी झरना – ओडिशा में स्थित बरेहीपानी झरना स्थित है। बता दें कि यह भारत के दूसरे सबसे बड़े झरने में से एक है। बरेहीपानी झरना विशाल चट्टान से दो चरणों में गिरता है। बहुत सारे लोग रील्स बनाने के चक्कर में इस झरने के पास जाने की कोशिश करते हैं, यह काफी खतरनाक हो सकता है। यह झरना 399 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। बारिश के मौसम में भारी बारिश के कारण झरने का प्रवाह तेज हो जाता है। ऐसे में इस झरने के पास जाने पर बड़ा हादसा हो सकता है।
नोहकलिकाई झरना, मेघालय – मेघालय में स्थित नोहकलिकाई झरना 360 मीटर ऊंचाई से गिरता है। यह झरना इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा बारिश होती है। मेघालय की राजधानी चेरापूंजी के पास नोहकलिकाई झरना स्थित है। यह झरना ऊंचाई से तालाब जैसी आकृति में दिखता है। मानसून में पानी की धारा तेज होती है। इसलिए यहां घूमने जाने के दौरान झरने से दूरी बनाए रखें।
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