दर्दनाक हादसे का जिम्मेदार कौन…?

सुनील कुमार माथुर
देश में एक ओर भाईदूज का त्योहार मनाया जा रहा था वही दूसरी ओर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में सिविल अस्पताल के आई सी यू में आग लगने से दस मरीजों की दर्दनाक मौत के समाचार सुनकर हृदय को गहरा आघात लगा । इस हादसे से यह स्पष्ट होता है कि अस्पताल की व्यवस्था कितनी दयनीय स्थिति में हैं । इतना बडा हादसा हो गया लेकिन किसी ने भी अपनी जिम्मेदारी नहीं ली और इतना कहकर इतिश्री कर ली कि अस्पताल में लगे अग्निरोधी उपकरण काम नहीं कर रहे थे ।
अगर अग्निरोधी उपकरण नकारा थे तो उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं । अस्पताल प्रशासन की क्या जिम्मेदारी नहीं है कि वह महत्वपूर्ण व आवश्यक उपकरणों के रख – रखाव की ओर पर्याप्त मात्रा में ध्यान दें और कोई बडा हादसा हो तब इन्हें नकारा बता कर अपना पला झटक ले । उन्हें किस बात का मोटा वेतन मिलता हैं जब उनकी जिम्मेदारी को वे न समझें ।
देश में हर बार ऐसे दर्दनाक हादसे होते रहते हैं लेकिन आज तक न तो अस्पताल प्रशासन कोई ठोस कदम उठाता है और न ही राज्य सरकारें । ऐसे हादसे होने के बाद अधिकारी व सरकार मात्र घडियाली आंसू बहाकर इतिश्री कर लेते हैं जो समस्या का स्थाई समाधान नहीं हैं । इस दर्दनाक हादसे से दस घरों में मातम छा गया । दीपावली के पावन पर्व की तमाम खुशियां मातम में बदल गयीं लेकिन हादसे कि जिम्मेदारी न अस्पताल प्रशासन ने ली और न सरकार ने । क्या यह मानवता रह गयीं है कि कोई भी मरे तो आर्थिक सहायता देकर पल्ला झटक लो ।
भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावर्ती न हो इसके लिए अभी से ही देशभर में पुख्ता प्रबंध किये जायें और फिर भी हादसे होते हैं तो संबंधित अस्पताल के आला अधिकारियो को दंडित किया जाये व संबंधित राज्य का चिकित्सा मंत्री नैतिकता के नाते इस्तीफा दें । चूंकि समस्या तो समाधान चाहती है न कि दलगत राजनीति।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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Irresponsible government n corrupt management
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