सोच समझ कर मतदान करें
जिन जनप्रतिनिधियों को जनता देश की सेवा के लिए चुनती हैं वे ही जनप्रतिनिधि चुनाव जितने के बाद जनता-जनार्दन की तो दूर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भी नहीं सुनते हैं वे भला देश का क्या भला करेंगे। समस्या तो समाधान चाहती न कि दलगत राजनीति। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)
मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए साफ छवि वालें स्थानीय व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए । जिससे मतदाता अधिक से अधिक मतदान करने के लिए स्वत: ही चला जायेगा, उसे कहने व समझाने की जरूरत नहीं पडेगी। चूंकि उम्मीदवार स्थानीय व्यक्ति होने से हर कोई व्यक्ति उसे जानता है।
अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित करने की बात तब आती हैं जब उम्मीदवार बाहर से थोपा गया हो या फिर उसकी ईमानदारी, देश के प्रति समर्पण और निष्ठा का अभाव हो। वरना मतदान तो लोकतंत्र का सबसे बडा उत्सव हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। आज राजनीति समाज सेवा का विषय न होकर एक व्यापार हो गया हैं। हर कोई सत्ता प्राप्ति हेतु येन केन प्रकारेण अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं।
वे सत्ता सुख के साथ देश को भी लूटने में पीछे नहीं रहते हैं। पांच साल में ही वे करोडपति व अरबपति बन रहे हैं लेकिन उनसे कोई नहीं पूछता कि इतना धन कहां से आया जबकि एक सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को पढ़ाने, बच्चों के विवाह व अपने मकान हेतु लोन लेता हैं व बैंक को उच्ची दर का ब्याज देता हैं जबकि नेता देश को लूट कर अनाप-शनाप धन बटोर रहे हैं यह कैसी विडम्बना है.
जिन जनप्रतिनिधियों को जनता देश की सेवा के लिए चुनती हैं वे ही जनप्रतिनिधि चुनाव जितने के बाद जनता-जनार्दन की तो दूर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भी नहीं सुनते हैं वे भला देश का क्या भला करेंगे। समस्या तो समाधान चाहती न कि दलगत राजनीति। हमारा जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए कि जो राष्ट्र के विकास व उत्थान को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। अतः मतदान सोच समझ कर करे न कि किसी लोभ लालच में आकर मतदान करे। अन्यथा निराशा ही हाथ लगेगी।
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।