बालकों के प्रति हिंसा अक्षम्य अपराध : सीडब्लूसी

चाइल्ड हैल्प लाइन पर निशुल्क शिकायत की अपील

पिथौरागढ। बालकों को उनके नैसर्गिक और संवैधानिक अधिकार दिए जाने को लेकर सभी संवेदनशील नागरिकों को पहल करनी होगी। घरेलू हिंसा, नशावृत्ति, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल उत्पीड़न के खिलाफ जनप्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन और प्रशासन को सतर्क होना चाहिए।

जिला बाल संरक्षण इकाई की पहल पर बीडीटी राइंका गुरना में छात्रों को बाल अधिकारों पर एक दिवसीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें बाल अधिकारों को लेकर अत्यधिक संवेदनशील हैं। नाबालिग बच्चों के साथ हो रहे तमाम तरह के गैर कानूनी और अप्राकृतिक कृत्यों के खिलाफ समाज के सभी संवेदनशील लोगों को आगे आना होगा।



संगोष्ठी का संचालन करते हुए सह विधि परिवीक्षा अधिकारी अंकुर जोशी ने बताया कि बालकों के प्रति हो रही किसी भी तरह की ज्यादती को रोकने के लिए प्रशासन के साथ ही ग्रामीण जन प्रतिनिधियों की जवाबदेही किशोर न्याय अधिनियम के तहत तय कर दी गई है।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष लक्ष्मी भट्ट ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बालकों के प्रति हो रहे अत्याचारों के तौर तरीकों और इनसे निपटने के उपायों पर जानकारी दी। कहा कि जिले के सभी विद्यालय में बाल कल्याण समिति जागरुकता अभियान संचालित कर रही है।

बाल कल्याण समिति के सदस्य जगदीश कलौनी और मनोज कुमार पांडेय ने बालकों के प्रति लैंगिक अपराध, बाल अधिकार, बाल श्रम, साइबर क्राइम पर विस्तार से जानकारी दी। पुष्पा लोहिया ने चाइल्ड हैल्प लाइन की कार्यप्रणाली और चाइल्ड हैल्प लाइन 1098 के उपयोग की अपील करते हुए बालकों से इस नंबर का सही उपयोग करने की अपील की।

जिला बाल विकास अधिकारी डाक्टर निर्मल बसेडा ने बाल विवाह अधिनियम, पोषाहार और कैरियर काउंसिलिंग पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। बताया कि बाल कल्याण विभाग बच्चों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करेगा। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य बीडी भट्ट, प्रवीण रावल, जीसी पंत समेत कई गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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