साहित्य लहर

एकता यहाँ की पहचान

भुवन बिष्ट

एकता यहाँ की पहचान
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।
होली ईद मनाते गुरूपर्व दिवाली,
क्रिसमस भी है हमारी शान।

राम रहीम प्रभु ईशु मसीह का,
होता नित नित ही गुणगान।
यहाँ भाईचारा हर जन मन में,
हम करते एक दूजे का सम्मान।
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।

मातृभूमि की चरण धूलि हम,
सदा सदा ही शीश लगाते हैं।
हम मानव धर्म ही सदा निभाते,
मानवता के दीप जलाते हैं।
भिन्न भिन्न पुष्प बनकर सब,
हम एक बगिया महकाते हैं।

यह सर्व धर्म का राष्ट्र हमारा,
एकता की झलक दिखाते हैं।
कभी राग द्वेष में नहीं उलझते,
यहाँ एक प्रभु की सभी संतान।
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।

सजी सुंदर धरा खलिहानों से,
यहाँ पावन सरिता की धारा है।
परंपराओं का नित नित संगम,
मिलकर सब ने इसे सवाँरा है।
होते नहीं धर्म धर्म में खण्डित,
मानव धर्म सभी का प्यारा है।

हृदय में बसा है भाईचारा यहाँ,
सुंदर सभ्य पावन राष्ट्र हमारा है।
करूँ नमन वंदन भारत भूमि को,
हम आओ बढ़ायें इसका मान।
यह पावन धरा है भारत भू की,
एकता यहाँ की है पहचान।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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From »

भुवन बिष्ट

लेखक एवं कवि

Address »
रानीखेत (उत्तराखंड)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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