ये 5 किरदार बढ़ाएंगे आफताब की मुश्किलें

ये 5 किरदार बढ़ाएंगे आफताब की मुश्किलें, मकान मालिक को पता था कि वो दोनों शादीशुदा नहीं है. रेंट एग्रीमेंट में भी आफताब ने पहला नाम श्रद्धा का लिखवाया था…

नई दिल्ली। आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने गर्लफ्रेंड श्रद्धा वॉल्कर की हत्या करने की बात तो कबूल कर ली है, मगर पुलिस के लिए उसे कातिल साबित करना अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है. आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शव के टुकड़े कर अलग-अलग जगह फेंक दिए थे. अब पुलिस शव के टुकड़ों को ढूंढने के लिए जंगल में भटक रही है. अब तक 13 टुकड़े मिल भी चुके हैं, लेकिन अब भी बेहद अहम सबूत पुलिस के हाथ से दूर हैं.

पुलिस को अब तक न तो श्रद्धा का सिर मिला है, और न ही मोबाइल फोन मिला है. इतना ही नहीं, जिस हथियार से श्रद्धा के टुकड़े किए गए, वो भी अब तक पुलिस को नहीं मिला है.आफताब और श्रद्धा दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे. दोनों की मुलाकात मुंबई में हुई थी. दोनों ने मुंबई में एक ही कॉल सेंटर में काम भी किया, जहां उन्हें प्यार हो गया. परिवार वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे, इसलिए दोनों दिल्ली आ गए और यहां महरौली में किराये पर फ्लैट लेकर लिव-इन में रहने लगे.

इस साल 18 मई को दोनों में झगड़ा हुआ और आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक, हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए और उन्हें अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया ताकि पकड़ में न आ सके. पुलिस कह रही है कि आफताब बार-बार अपना बयान बदल रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. इसलिए पुलिस ने अदालत में उसका नार्को टेस्ट कराने की अर्जी दी है. भले ही आफताब बयान बदल रहा हो और जांच में मदद न कर रहा हो, लेकिन इस पूरे हत्याकांड में कुछ ऐसे किरदार भी हैं, जो अहम साबित हो सकते हैं.

नंबर 1: डॉक्टर अनिल कुमार

18 मई को आफताब ने श्रद्धा की हत्या की और उसके शव के टुकड़े कर दिए. आफताब ने आरी से उसके टुकड़े किए थे. ऐसा करते हुए उसका हाथ भी कट गया. इसके इलाज के लिए आफताब डॉक्टर अनिल कुमार के पास गया था. डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि उस रात जब वो आया, तो नॉर्मल था. उन्होंने जब उससे हाथ कटने की वजह पूछी तो उसने कहा कि फल काटते समय कट लग गया. डॉ. अनिल ने आफताब की पहचान की है. उन्होंने पुलिस को बताया है कि उस रात आफताब उनके पास आया था और उन्होंने उसका इलाज किया था.

नंबर 2: रजत शुक्ला

रजत शुक्ला, श्रद्धा का दोस्त है. रजत ने न्यूज एजेंसी को बताया है कि श्रद्धा ने 2019 में बताया था कि वो 2018 से आफताब के साथ रिलेशनशिप में है. वो साथ ही रहते थे. शुरुआत में दोनों खुशी-खुशी रहते थे, लेकिन बाद में श्रद्धा ने बताया कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है. वो उसे छोड़ना चाहती थी, लेकिन उसके लिए ऐसा करना मुश्किल हो गया था. रजत ने कहा कि श्रद्धा की जिंदगी ‘नरक’ बन गई थी. दिल्ली आने से पहले दोनों ने सहमति से फैसला किया था कि वो यहां जॉब करेंगे. रजत के मुताबिक, दिल्ली शिफ्ट होने के बाद उसका श्रद्धा से कॉन्टैक्ट लगभग खत्म ही हो गया था.



नंबर 3: लक्ष्मण नादिर

श्रद्धा के एक और दोस्त लक्ष्मण नादिर ने बताया कि अगस्त के बाद श्रद्धा ने मैसेज का रिप्लाई करना भी बंद कर दिया था. उसका फोन भी स्विच ऑफ था. तब मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है. जब मुझे उसके बारे में कोई अपडेट नहीं मिला तो मैंने उसके भाई को बताया कि आखिरी बार मेरी उससे जुलाई में बात हुई थी. हमें पुलिस के पास जाना चाहिए. लक्ष्मण ने बताया कि श्रद्धा और आफताब अक्सर झगड़ते रहते थे. एक बार तो झगड़ा इस कदर बढ़ गया था कि वो पुलिस के पास जाने वाले थे, लेकिन श्रद्धा ने मना कर दिया. उसने बताया कि एक रात को श्रद्धा ने मैसेज किया था कि उसे यहां से कहीं और ले जाए. श्रद्धा ने कहा कि अगर वो यहां रही तो आफताब उसे मार डालेगा. हम उसके घर गए और आफताब से कहा कि वो पुलिस के पास जाएंगे, लेकिन श्रद्धा ने ऐसा करने से मना कर दिया.



नंबर 4: सुदीप सचदेवा

सुदीप सचदेवा उस दुकान का मालिक है, जहां से आफताब ने आरी खरीदी थी. इसी आरी से श्रद्धा के शव के टुकड़े किए गए थे. पुलिस आफताब को लेकर सचदेवा की दुकान पर गई थी. सचदेवा ने बताया है कि जब पुलिस आफताब को लेकर दुकान पर आई थी, तब उसकी आंखों में पछतावा नहीं दिख रहा था.



नंबर 5: तिलक राज

श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शव के टुकड़ों को रखने के लिए आफताब ने 300 लीटर का नया फ्रीज खरीदा था. ये फ्रीज तिलक राज की दुकान से ही खरीदा गया था. तिलक राज ने बताया कि आफताब ने ये फ्रीज 25,300 रुपये में खरीदा था. उन्होंने भी यही बताया कि जब पुलिस आफताब को लेकर दुकान पर आई थी तो वो नॉर्मल दिख रहा था और उसे अपने किये का पछतावा नहीं था.




दिल्ली सरकार हर घर में 20 हजार लीटर तक का पानी फ्री देती है, लेकिन इसके बाद भी आफताब पर 300 रुपये का बिल बकाया है. यानी, वो हर महीने 20 हजार लीटर से भी ज्यादा पानी का इस्तेमाल कर रहा था. न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि श्रद्धा की हत्या करने के बाद आफताब खून साफ करने के लिए पानी का इस्तेमाल कर रहा था और इस वजह से उसका बिल बढ़ गया. पड़ोसियों ने भी पुलिस को बताया है कि आफताब रोज जाकर वाटर टैंक चेक किया करता था.



पुलिस इस हत्याकांड को साजिश के एंगल से भी जांच रही है. पुलिस का कहना है कि इस साल दिल्ली शिफ्ट होने से पहले श्रद्धा और आफताब हिमाचल घूमने गए थे. यहां उनकी मुलाकात एक शख्स से हुई थी, जो दिल्ली के छतरपुर का रहने वाला था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली आने के बाद श्रद्धा और आफताब कुछ दिनों तक उसी शख्स के फ्लैट में ठहरे थे, जिससे वो हिमाचल में मिले थे.



कुछ दिन बाद छतरपुर में फ्लैट किराये पर लिया. मकान मालिक को पता था कि वो दोनों शादीशुदा नहीं है. रेंट एग्रीमेंट में भी आफताब ने पहला नाम श्रद्धा का लिखवाया था और फिर अपना. इस मकान का किराया 9 हजार रुपये था और आफताब हर महीने 8 से 10 तारीख के बीच ऑनलाइन ही इसका भुगतान करता था. इसलिए मकान मालिक भी यहां नहीं आता था.


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