फैक्ट्री में आग लगी है या लगाई गयी है, प्रकरण पर संशय

प्रशासन ने वनंत्रा रिजॉर्ट और फैक्टरी को तो सील दिया। पुलिस ने सुरक्षा के लिए बाहर पीएसी और पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिए। लेकिन वनंत्रा रिजॉर्ट के…
ऋषिकेश। पौड़ी जिला प्रशासन के वनंत्रा रिजॉर्ट को जेसीबी से तोड़ने के अगले दिन सुबह ऊर्जा निगम ने रिजॉर्ट और स्वदेशी आर्गेनिक फैक्टरी का विद्युत कनेक्शन काट दिया था। 36 दिनों से रिजॉर्ट और फैक्टरी में बिजली की आपूर्ति बंद पड़ी थी। ऐसे में अगर इनवर्टर बैटरी से आपूर्ति जारी थी तो अगले 10-12 दिनों में बैटरी डिस्चार्ज हो गई होती। लेकिन पुलिस इनवर्टर बैटरी को ही आग लगने का पहला कारण मान रही है।
अंकिता हत्याकांड में पुलकित आर्य सहित तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लोगों में जबरदस्त आक्रोश के चलते पौड़ी जिला प्रशासन ने 23 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट का आगे का हिस्सा जेसीबी से ढहा दिया था। ऊर्जा निगम के कर्मचारियों को प्रशासन की ओर से आदेश मिलने के बाद 24 सितंबर को सुबह 8.30 बजे वनंत्रा रिजॉर्ट और फैक्टरी का विद्युत कनेक्शन काट दिया गया था।
रविवार सुबह फैक्टरी में आग लगने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को लगा कि फैक्टरी का कनेक्शन नहीं कटा है। लेकिन मौके पर मौजूद ऊर्जा निगम के कर्मचारियों ने बताया कि 24 सितंबर को ही कनेक्शन काट दिया गया था। फैक्टरी में बिजली की आपूर्ति बंद होने पर मशीनों के संचालन के लिए रखा जनरेटर भी बंद पड़ा था।
पुलिस टीम फैक्टरी में इधर-उधर खोजते हुए घरों में इस्तेमाल होने वाले इनवर्टर और सिंगल ट्यूबुलर बैटरी तक पहुंच गई। पुलिस ने एक निजी इलेक्ट्रिशीयन से इनवर्टर की बैटरी के कनेक्शन को कटवाया। जब पुलिस से आग लगने का कारण पूछा गया तो थाना प्रभारी का कहना था कि प्रथम दृष्टया में इनवर्टर बैटरी की आपूर्ति से हुए शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी।
इनवर्टर बैटरी दुकान संचालक राजू कुमार का कहना है कि अगर विद्युत आपूर्ति बंद हो जाए और इनवर्टर बैटरी की आपूर्ति को बंद न किया जाए तो करीब 10-12 दिन तक बैटरी काम करेगी। इसके बाद बैटरी डिस्चार्ज हो जाएगी। पुलिस का दूसरा तर्क है कि जब इलेक्ट्रिशीयन ने बैटरी को छुआ तो वह गर्म थी। फैक्टरी के पहले तल पर भीषण आग लगी हुई थी, इनवर्टर और बैटरी पहले तल के नीचे बनी दुछत्ती में रखी थी। जब छत पर आग लगी थी तो नीचे के सामान का भी गर्म होना लाजमी था। पुलिस की थ्योरी के उलट आग कैसे लगी है अब तक यह रहस्य बना हुआ है।
24 सितंबर को चीला बैराज से बरामद हुए अंकिता भंडारी के शव को एम्स में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। तब एम्स में हत्याकांड के विरोध में जबर्दस्त प्रदर्शन हो रहा था। ऋषिकेश और लक्ष्मणझूला के आसपास के थानों चौकियों की पुलिस फोर्स एम्स में तैनात थी। इसी बीच संदिग्ध परिस्थितियों में पुलकित आर्य की फैक्टरी में आग लग गई। आनन-फानन में एसपी सिटी हरिद्वार स्वतंत्र कुमार दमकल वाहन के साथ फैक्टरी में पहुंचे। दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। इस दौरान फैक्टरी के अंदर रखा काफी सामान जल गया था। घटना के बाद मौके पर एक कंपनी पीएसी और पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
स्वदेशी ऑर्गेनिक फैक्टरी में एक छोटे दमकल वाहन की मदद से आग बुझाई गई थी। लेकिन आग बुझाने के बावजूद अंदर रखे सामान से लगातार हल्का धुआं और गंध आ रही थी। कई दिनों तक अंदर का सामान सुलगता रहा। लेकिन किसी ने भी इसको गंभीरता से नहीं लिया। रविवार को अचानक आग लगने के बाद पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ने आग बुझाने के बाद दमकल कर्मियों को अंदर जले हुए सामान को पूरी तरह से पानी से तर करने के लिए कहा। अंदरखाने कहीं न कहीं पुलिस को भी ऐसा लग रहा है कि पिछली बार लगी आग ने कहीं सुलगते-सुलगते ही भीषण रूप न ले लिया हो।
पुलकित आर्य फैक्टरी के नीचे बने आलीशान कमरे में रहता था। कमरे के ठीक सामने उसका ऑफिस था। पुलिस जिस इन्वर्टर बैटरी की आपूर्ति से शॉर्ट सर्किट होने की बात कह रही है वह ठीक पुलकित आर्य के कमरे के ऊपर है। ऐसा भी हो सकता है कि इनवर्टर बैटरी से पुलकित आर्य और उसके ऑफिस में आपूर्ति दी गई होगी। इनवर्टर बैटरी भी घरेलू प्रयोग वाली है। लेकिन इनवर्टर बैटरी की आपूर्ति किस जगह दी गई है यह जांचने की पुलिस ने कोशिश नहीं की।
प्रशासन ने वनंत्रा रिजॉर्ट और फैक्टरी को तो सील दिया। पुलिस ने सुरक्षा के लिए बाहर पीएसी और पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिए। लेकिन वनंत्रा रिजॉर्ट के बाहर पट्टी या टेप नहीं लगाई गई। जब दूसरी बार फैक्टरी में आग लगी तो पुलिस को होश आया और आनन-फानन में रिजॉर्ट के बाहर रस्सियां लगा दी गई।