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400 डिग्री था तापमान, पत्थर बन गए थे 2000 लोग

400 डिग्री था तापमान, पत्थर बन गए थे 2000 लोग… ऐसा माना जाता है कि शहर में घरों के अंदर का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जहरीली गैसों की वजह से लोगों का दम घुट गया था। आपको बता दें कि माउंट वेसुवियस में आखिरी ज्वालामुखी साल 1944 में फूटा था।

नई दिल्ली/देहरादून। एक शहर, जो किसी दौर में काफी समृद्ध और हरा-भरा हुआ करता था, पर रातोंरात लावा से भार कब्रिस्तान बन गया। यहां पर सभी लोग पत्थर में तब्दील हो गए और शहर भी अब सिर्फ इतिहास के पन्नों में कैद है। हम बात कर रहे हैं इटली के पॉम्पी (Pompeii Volcanic Eruption) शहर की। यहां पर एक ज्वालामुखी था जिसका नाम माउंट वेसुवियस (Mount Vesuvius) है। सैकड़ों साल पहले ये ज्वालामुखी फूटा था, जिसकी वजह से शहर खत्म हो गया था। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर वहां हुआ क्या था।

हिस्ट्री चैनल की न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार 24 अगस्त 79 एडी को माउंट वेसुवियस में जोरधार धमाका हुआ था। आपको बता दें कि इस शहर में करीब 11 हजार लोग रहा करते थे। शहर के चारों ओर बड़े मकान, इमारतें नजर आती थीं। इस शहर की खासियत थी यहां की उपजाऊ जमीन। शहर में अक्सर भूकंप आते रहते थे पर किसी को नहीं पता था कि उस दिन जो होगा, वो शहर को ही खत्म कर देगा।

24 अगस्त की शाम ये ज्वालामुखी फूटा और लगातार दो दिनों तक जलता रहा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कुल आबादी का 13 फीसदी, यानी करीब 2000 लोगों ने इस ज्वालामुखी में अपनी जान गंवा दी। प्रसिद्ध रोमन इतिहासकार टैसिटस को रोमन लेखक प्लिनी ने दो चिट्ठियां लिखी थीं जिसमें उन्होंने बताया कि इस ज्वालामुखी को फटते हुए उन्होंने देखा था।

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आसमान में काफी ऊंचाई तक लावा गया था और धुएं की मोटी चादर ने इलाके को घेर लिया था। आसपास के सारे इलाकों को मिलाकर माना जाता है कि कुल 16 हजार लोगों की मौत हुई थी। सैकड़ों लोग ज्वालामुखी के लावे में दबकर मर गए थे। दो दिनों तक ज्वालामुखी की राख उड़ते हुए आसमान से नीचे गिर रही थी जिसने लोगों को दबा लिया और वो पत्थर में तब्दील हो गए। उनका शरीर सख्त प्लास्टर जैसा हो गया था।

ऐसा माना जाता है कि शहर में घरों के अंदर का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जहरीली गैसों की वजह से लोगों का दम घुट गया था। आपको बता दें कि माउंट वेसुवियस में आखिरी ज्वालामुखी साल 1944 में फूटा था। तब से ये शांत है। अब ये शहर फिर से फल-फूल रहा है। इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित कर दिया है।


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400 डिग्री था तापमान, पत्थर बन गए थे 2000 लोग... ऐसा माना जाता है कि शहर में घरों के अंदर का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जहरीली गैसों की वजह से लोगों का दम घुट गया था। आपको बता दें कि माउंट वेसुवियस में आखिरी ज्वालामुखी साल 1944 में फूटा था।

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