भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है शिक्षा का स्थान

समाज में गुरु के रूप में शिक्षक की महिमा और उसकी भूमिका का कविता में वर्णन

इस समाचार को सुनें...

राजीव कुमार झा

भारतीय संस्कृति में शिक्षा का स्थान महत्वपूर्ण यह है और इस कार्य में संलग्न लोगों को यहां समाज में काफी सम्मान प्राप्त रहा है. इस प्रसंग में गुरुपूर्णिमा के त्योहार की चर्चा समीचीन है और इस दिन प्राचीन काल से ज्ञान , शिक्षा और विद्या के संस्थापक के रूप में गुरु यानी शिक्षक के आदर सम्मान की परंपरा हमारे देश में रही है.

आज़ादी के बाद इसी अनुरूप हमारे देश में शिक्षक दिवस को मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई. इसे देश के महान चिंतक , दार्शनिक डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हरेक साल मनाया जाता है .इस दिन यहां शिक्षण संस्थानों में विशेष रूप से समारोह और उत्सव के कार्यक्रम संपन्न होते हैं.

इसी संदर्भ में इस वर्ष प्रांति समूह के द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर ए .के . प्रसाद के संपादन में प्रकाशित काव्य संग्रह ‘ गुरु महिमा ‘ का उल्लेख महत्वपूर्ण है और इसमें संग्रहित तमाम कविताएं वर्तमान समय में शिक्षक के रूप में गुरु की महिमा और समाज में मनुष्य के जीवन के प्रति उसके अवदान से हमें अवगत कराती हैं .यह एक पठनीय काव्य संग्रह है.

प्रस्तुत कविता संग्रह में संकलित कविताएं शिक्षक के प्रति समाज में लोगों के मन में स्थित मनोभावों को प्रकट करती हैं और इन्हें पढ़ते हुए मनुष्य के जीवन उत्थान और निर्माण में उसकी बहुआयामी भूमिका को भलीभांति जानने समझने का मौका यहां सबको मिलता है.

इस प्रकार शिक्षक और छात्र इनके आपसी स्नेह और प्रेम को आधार बनाकर लिखी गयीं इस संग्रह की अधिकांश कविताओं में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के धरोहर के रूप में यहां के समाज में शिक्षा से जुड़े जीवनमूल्यों और आदर्शों का सारगर्भित विवेचन सबके मन प्राण को नयी चेतना और प्रवाह की ओर अग्रसर करता है.

शिक्षा के व्यावसायीकरण के इस दौर में जब शिक्षक और छात्र संबंधों में सर्वत्र अवमूल्यन दिखाई देता हो, प्रांति समूह के द्वारा ‘गुरु महिमा’ के शीर्षक से प्रकाशित यह काव्य संग्रह समाज में शिक्षा की पुरातन जीवन संस्कृति को संजोए रखने के उपक्रम के समान प्रतीत होता है.

इस संग्रह की तमाम कविताओं में बच्चों के बीच ज्ञान का आलोक फैलाने में शिक्षकों के महती योगदान और उनके त्यागमय जीवन की झांकी को विषयवस्तु के रूप में उकेरा गया है. यह एक पठनीय काव्य संग्रह है.

पुस्तक समीक्षा : पुस्तक का नाम : गुरु महिमा
संपादक: ए.के.प्रसाद (प्रांति समूह प्रकाशन)
संपर्क: मोबाइल नं . +918083353384
राजीव कुमार झा (एम.ए. (हिंदी), नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना (बिहार) | मोबाइल : +916206756085)


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

राजीव कुमार झा

कवि एवं लेखक

Address »
इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights