फिसलती जुबान, गंदी जुबान…!

ओम प्रकाश उनियाल (स्वतंत्र पत्रकार)
जुबान है तो इसका मतलब यह नहीं कि उससे अपशब्द ही निकाले जाएं। जुबान को नियंत्रण में रखना तो अपने वश में होता है। दिल, दिमाग और जुबान का आपसी तारतम्य होता है। जो भी हम बोलते हैं उसमें तीनों का समावेश होता है।
किसी भी बात को बोलने से पहले दिल और दिमाग उसको परखता है फिर वह बात जुबान पर आती है। बेतुके तर्क देने वाले तो कहते ही हैं कि जुबान का कोई भरोसा नहीं कब फिसल जाए…..जुबान है तो फिसलेगी ही…..। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। ऐसे तर्क सरासर भ्रमित होते हैं। जुबान में तहजीब हो तो गैर को अपना बनाया जा सकता है और अपनों को गैर।
बेशक, इसका सरोकार संस्कारों व माहौल से हो मगर इसको नियंत्रण में रखना तो स्वयं के ही हाथ में होता है। घर हो बाहर सभ्य जुबान वाला सबको प्रिय लगता है। व्यक्ति के प्रभाव व व्यक्तित्व को बढ़ाती है सभ्य जुबान। कई बार यह भी देखा जाता है कि जो ज्यादा शिक्षित नहीं होते या बिल्कुल ही गंवार होते हैं वे भी सभ्य तरीके से बात करते हैं और पढ़े-लिखे भी बदजुबानी का इस्तेमाल करते हैं।
यह सोच एवं नजरिए पर भी निर्भर करता है। जब किसी बात को तोड़-मरोड़कर बोला जाता है तो समाज में उसकी तीखी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। अनेकों उदाहरण रोज समाज में मिल जाएंगे। जिनसे देश को आगे बढ़ाने की उम्मीद की जाती है। जनता का भरोसा होते हैं जन-प्रतिनिधि।
जब वे ही इस प्रकार की जुबान बोलने लगें तो उनसे देश का भविष्य उज्जवल बनाने की भला कैसे अपेक्षा की जा सकती है? विकृत मानसिकता एवं संवेदनहीन ऐसे लोग तो समाज व देश के लिए कलंक ही होते हैं। ऐसे लोगों का तो जमकर विरोध होना ही चाहिए। ताजा उदाहरण माननीयों का ही लें।
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक का रेप जैसे गंभीर विषय पर जिस प्रकार से बयान दिया जाना तो बेहद ही शर्मनाक था। इसी प्रकार सपा के दो सांसदों का लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से 21 साल बढा़ने पर दिए गए बयान इनकी घटिया सोच का प्रमाण है।
यही नहीं एक केन्द्रीय राज्य मंत्री से एक पत्रकार द्वारा सवाल पूछे जाने पर अभद्रता से बोलना सभ्य होने का परिचायक नहीं है। इनके ऐसे कृत्यों से इनकी प्रतिष्ठा भी गिरती है। कुल मिलाकर ऐसा कदापि न बोलें जिससे समाज में बुरा संदेश जाए। जो भी बोले सोच-समझकर बोलें। सोच बदलें, मानसिकता बदलें।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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