साहित्य लहर

लघुकथा : हैंडपंप का पानी

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

‘कलमुंही…. नीच जाति ! तुझे कितनी बार मना किया है कि हमारे हैडपम्प पर पानी लेने मत आया कर ।’

घिनेरी को इस तरह के ताने रोज सुन – सुन कर सुनने की आदत सी पड़ गई थी । और फिर ऊंची जाति के हैडपंप से पानी भरने के सिवाय उसके पास कोई दूसरा चारा भी तो नहीं था ।

पिछले वर्ष ऊंच जात के विधायक जी उसके घर वोट मांगने आये थे, तब सभी ऊंच जात पड़ोसियों के सामने ही उसने पानी की समस्या के बारे में विधायक जी को बताया था । विधायक जी कह कर गये थे कि, जब तक तुम्हारे लिए एक नया हैंडपंप नहीं लगता तब तक तुम वेझिझक अपने पड़ोसियों के हैंडपंप से पानी भर सकती हो वैसे वो हैंडपंप हमारी विधायकी की ही देन है और सरकारी भी, इसीलिए तुम्हारा भी उस पर समान अधिकार है ।

बेचारी घिनेरी को विधायक जी का दिया झूठा आश्वासन अभी भी जस का तस याद है । पिछले सप्ताह उसने अपने पति राम सहारे को पानी की समस्या लेकर विधायक जी की कोठी पर भेजा था । उसे विधायक जी के चपरासी ने दुत्कार कर भगा दिया ।

घिनेरी ऊंच जात हैंडपंप के पानी के साथ रोज अपमान के घूंट भी पीती है…।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

लेखक एवं कवि

Address »
ग्राम रिहावली, डाकघर तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, (उत्तर प्रदेश) | मो : 9876777233

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights