मंच पर संजना ने जीता देशवासियों का दिल
सा-रे-गा-मा के मंच पर संजना ने अपनी गायिका के हुनर का डंका बजाकर देशवासियों का दिल जीता

सुनील कुमार माथुर
हर व्यक्ति में कोई न कोई हुनर व प्रतिभा छिपी होती हैं बस जरूरत है तो उसे प्रोत्साहित करने की । जी टी वी पर सा रे गा मा पा एक ऐसा मंच हैं जिस पर गायक हुनरबाजों ने एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियां देकर इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये । किसी एक गायक को कम आंकना शायद कला एवं गायकी का अपमान करना ही कहा जा सकता हैं लेकिन नियमों के चलते जो निर्णय लिए जाते हैं वे चौंकाने वाले होते हैं जिससे दिल को ठेस पहुंचना स्वाभाविक ही हैं लेकिन नियमों में बंधे होने के कारण कोई भी कुछ नहीं कर सकता ।
सा रे गा मा पा के इस मंच पर संजना ने एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति ऐसे वक्त दी हैं जबकि उसके दोनों बच्चे कम आयु के हैं । एक ओर बच्चों के लालन – पालन की जिम्मेदारी , उन्हें आदर्श संस्कार देने की जिम्मेदारी हैं वही दूसरी ओर अपनी गायकी के हुनर को बरकरार रखना उसके सामने एक गंभीर चुनौती थी । लेकिन जिसके हौसले बुलंद हो उसे कहीं न कहीं से राह मिल ही जाती हैं और संजना के पति ने संजना का हौसला अफजाई का जिम्मा लिया और दोनों बच्चों को अपने साथ रखकर संजना को अपना हुनर दुनियां के सामने निखारने का मौका दिया ।
अपने पति का सहयोग पाकर संजना को अपने सपने साकार होते नजर आयें और उसने सा रे गा मा पा के मंच पर एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति देकर समूचे देशवासियों का मन जीत लिया । कार्यक्रम के दौरान कई बार संजना की नन्ही सी प्यारी सी बच्ची ने भी अपनी मां की तरह सा रे गा मा पा के मंच पर गाकर दर्शकों व जजों व देशवासियों से वाह वाह बटोरी ।
संजना व उसकी बच्ची जितनी हंसमुख व्यक्तित्व की धनी हैं वही उसका पति शांतिप्रिय व गंभीर विचारों का हैं । वे सादा जीवन और उच्च विचारों के धनी हैं । जनता – जनार्दन व जजों का अपार स्नेह पाकर संजना ने यह साबित कर दिया कि अथक मेहनत करने वालों की कभी भी हार नहीं होती है यही वजह है कि आज उसे सा रे गा मा पा जैसा मंच मिला और देशवासियों का अपार स्नेह मिला ।
संजना ने गाने गाकर यह साबित कर दिया है कि घर – परिवार , समाज व राष्ट्र का प्रोत्साहन मिले तो हुनरबाज महिलाओ ने यह साबित कर दिखाया हैं कि वे भी किसी से कम नहीं है । महिलाओं में हुनर व प्रतिभाएं कूट – कूट कर भरी हुई है बस उसे प्रोत्साहन की जरूरत है । प्रतिभाएं किसी पुरस्कार की मोहताज नहीं है अपितु पुरस्कार तो प्रतिभाओं के पीछे स्वंय दौडते हैं ।
संजना ने मंच पर जहां एक ओर गानों की शानदार प्रस्तुति देकर धैर्य , संयम , देशवासियों के प्यार व स्नेह की डोर को थामें रखा वही दूसरी ओर अपने नन्हे – नन्हे बच्चों पर ममता , प्यार , स्नेह , वात्सल्य का भाव भी बनाये रखा और अपनी अब तक की सारी उपलब्धियों का श्रेय अपने पति को दिया जिनकी वजह से वह इतने बडे मंच पर गाकर अपने हुनर को निखार सकी एवं जमकर देशवासियों का प्यार , स्नेह व आशीर्वाद बटोरा । कहने का तात्पर्य यह है कि पति द्धारा मिले प्रोत्साहन ने संजना की उपलब्धियों में चार चांद लगा दिये । संजना ने अपने हुनर से यह साबित कर दिया कि बेटियां भी किसी से कम नहीं है और उनका डंका हर क्षेत्र में बज रहा हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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