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साफा हमारी संस्कृति व परम्परा का परिचायक

सुनील कुमार माथुर

हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारे देश की आन बान व शान का प्रतीक है ठीक उसी प्रकार साफा हमारी आन बान व शान का प्रतीक है । यह न केवल एक शान है अपितु विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के साफे पहने जाते है जो उस क्षेत्र की पहचान हैं ।

साफा पहलें ग्रामीण क्षेत्रों में ही पहने जाते थे लेकिन आज हर खुशी के अवसर पर साफा पहनने का प्रचलन सा हो गया है । ब्याह शादी के अवसर पर तो अब महिलाएं भी साफा बांधने लगी हैं । साफा बाधना भी एक कला है और इसे बाधने में किसी को भी कोई परेशानी न हो और हर व्यक्ति को साफा बांधना आना चाहिए इसी ध्येय को लेकर जोधपुर के जानेमाने फोटोग्राफर , पत्रकार व साफा प्रशिक्षक मनोज बोहरा साफा बांधने का निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे है ।

पुष्करणा सृजन सोसाइटी और पुष्करणा चिंतन के तत्वावधान में भूतनाथ महादेव मंदिर के पार्क में आयोजित निःशुल्क साफा बांधने का पांच दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार २२ जून को शुरू हुआ । प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ सूरसागर विधायक श्रीमती सूर्यकान्ता व्यास एवं उत्कर्ष संस्थान के प्रबन्ध निदेशक व अध्यक्ष निर्मल गहलोत ने किया।

विधायक श्रीमती व्यास ने इस अवसर पर कहाकि साफा सिरोपाव हमारी संस्कृति व परम्परा का परिचायक है और इसकी विशेष महत्ता है । उन्होंने ऐसे प्रशिक्षण के आयोजन को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे सभी आयु के लोगों को साफा बांधना सीखना चाहिये ।

उत्कर्ष संस्थान के प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष निर्मल गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि साफा बांधना हमारी महान संस्कृति है और इसको भावी पीढ़ी को अधिकाधिक जोड़ने की जरूरत है । गहलोत ने चौपासनी स्कूल में विद्यार्थियों के साफा बांधने पर चर्चा करते हुए सभी स्कूलों में इसे नियमित कार्यक्रम के रूप में चलाने की आवश्यकता बताई ।

उन्होंने आयोजकों से कहा कि वे स्कूलों में तथा अवकाशों में साफा बांधने का प्रशिक्षण शिविर लगाए इस अवसर पर सोसायटी के अध्यक्ष आनन्द राज व्यास व संयोजक सोमदत्त हर्ष ने इन अतिथियों को साफा पहिनाया व स्मृतिचिन्ह भेंट किये ।

प्रशिक्षण शिविर निदेशक व मुख्य प्रशिक्षक मनोज बोहरा ने बताया कि पांच दिवसीय इस शिविर में बालक बालिकाएं , युवा वर्ग, सीनियर्स व वरिष्ठ नागरिकों को साफा बांधना सिखाया जा रहा है । पहले दिन नन्हे बालक बालिकाओं से लेकर सीनियर सिटीजन उम्र के करीब साठ से अधिक लोगों ने भाग लिया ।

शिविर में प्रशिक्षक मनोज बोहरा व उनकी टीम द्वारा जोधपुरी पेच व गोल साफा बांधना सिखाया जा रहा है । बोहरा पिछले तेरह वर्षों से भूतनाथ में साफा बांधने का प्रशिक्षण दे रहे है। इन शिविरों मे अब तक सैकड़ो लोग साफा बांधना सीख चुके है।समारोह का संचालन राजकुमार जोशी ने किया व संयोजक सोमदत्त हर्ष ने आभार व्यक्त किया।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

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33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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