जन-जन के नेता : स्व. अटल बिहारी वाजपेयी
सुनील कुमार माथुर
हमारे देश के प्रधानमंत्री स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर ( मध्यप्रदेश ) में हुआ था । वे सादा जीवन और उच्च विचारों के धनी थे ।
स्व0 प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी न केवल हमारे देश के कुशल प्रधानमंत्री ही थे वरन् वे एक कुशल राजनेता, कुशल संगठनकर्ता व कवि हृदय के व्यक्ति थे । चूंकि कविता लेखन उन्हें विरासत में मिली थी । उनके पिता कृष्ण बिहारी सुप्रसिद्ध कवि थे । अपने पिता के कवि हृदय का प्रभाव अटल बिहारी वाजपेयी पर भी पडा और वे भी साहित्य प्रेमी हो गयें
चौदह वर्ष की आयु में ही अटल जी की कविताएं प्रकाशित होने लगी और फिर तो उन्होंने रूकने का नाम नहीं लिया और बात – बात में कविता कर सामने वालें का दिल जीत लेते थे । यही वजह है कि संसद में वे जब बोलतें थे तब सांसद उनकी कविताओं पर विशेष ध्यान देते थे चूंकि उनकी कविताएं काफी अच्छी, रोचक , ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायक होती ।
वे जब भी कविताएं बोलतें थे तब बडी ही बुलंदगी के साथ बोलते थे । उनकी आवाज़ मधुर व ओजस्वी थी वही उनकी कविताएं कहने की अदा ही निराली थी । अटल जी ने राजनीति के साथ ही साथ अनेक पत्र – पत्रिकाओं का सम्पादन किया जिनमें राष्ट्र धर्म मासिक , पांचजन्य , स्वदेश व वीर अर्जुन शामिल है ।
उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर अनेक पुस्तकें लिखीं गयी । चूंकि उनके विचारों का लोहा विपक्ष भी मानता था । वे गहन चिन्तनशील थे । दृढ संकल्पों के धनी थे कुशल राजनीतिज्ञ व वक्ता थे । देश की गंदी राजनीति से कोसों दूर थे एवं तीन बार देश के प्रधानमंत्री बनें ।
देश उनके लिए सर्वोपरि था । देश की एकता व अखंडता एवं सम्प्रभुता को बनाये रखनें के लिए हर कदम उठाने के लिए सदैव तत्पर रहें । वे इतने मजबूत थे कि कभी किसी के समक्ष टूटे नहीं, झुकें नहीं । उन्होंने सदैव देश का मान सम्मान व गौरव बढाने का ही कार्य किया । वे जिस पद पर भी रहे उस पद की प्रतिष्ठा को बढाया एवं कुशलता पूर्वक कार्य किया
वे शान्त प्रवृत्ति के व्यक्ति थे । उन्होंने राजनीति को नई ऊंचाईयां दी । देश के सभी राजनैतिक दलों को साथ में लेकर चलें व उनकी भावनाओं की कद्र की । किसी भी दल को विपक्षी नहीं समझा वरन् सभी सांसदों को अपना साथी व हितैषी मानकर चलें ।
वे एक अच्छे कवि थे यही वजह है कि उनके शासनकाल में लोग उनकी कविताओं को गुनगुनाते थे उनकी मधुर आवाज को सुनने के लिए देश की जनता तरसती थी । जगजीत सिंह ने उनकी कविताओं को संगीतबद्ध किया वही लतामंगेशकर ने इनकी कविता को आवाज़ दी ।
अटल बिहारी वाजपेयी ने कविता करते हुए हर किसी का मन जीत लिया और कुशलता पूर्वक प्रधानमंत्री का दायित्व भी सम्भाला । वे एक अच्छे कवि हृदय, कुशल संगठनकर्ता व राजनेता थे । उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा मे समर्पित कर दिया । प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने अनेक कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना जिससे गांव और ढाणी को डामरीकरण सडक से जोडा वो वाजपेयी की ही देन है ।
वे अटल थे , अटल है और अटल ही रहेंगे । वे कई युगों तक याद किये जाते रहेंगे । उनकी सोच सदा सकारात्मक रही और देश हित के लिए सदैव तत्पर रहें । उन्होंने राजनीति में अपनी अमिट छाप छोडी जिसे कभी भी भूलाया नहीं जा सकता । उनकी यह विशेषता थी कि वे लोगों को बहुत ही ध्यान व धैर्य के साथ सुना करते थे ।
वे हर परिस्थिति में अपने दिल और दिमाग की आवाज पर भरोसा करके वे वही काम करते थे जो उन्हें सही लगता था विपरित परिस्थितियों में भी वे शान्तचित से फैसला लेते थे लेकिन 16 अगस्त 2018 का दिन वह क्रूर दिन था जब अटल जी यह नश्वर संसार छोड़ कर परलोक सिधार गये ।
आज वे भले ही इस नश्वर संसार में नहीं है लेकिन उनकी शिक्षा, विचार और प्रवाहित नीति युगो – युगों तक इस देश के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी और आप चिरकाल तक हमारे हृदय में जीवित रहेंगे ।
सच्चे आदर्शों का मूल्य आपने हमें सिखाया, सबका हित , मन कि निर्मलता , सत्य ,सादगी , स्वाभिमान का पाठ पढाया कैसे भूला पायेंगे हम स्नेह, सम्बल , प्यार दुलार । कर्म, धर्म, सहिष्णुता की प्रेरणा भूला नहीं पायेंगे । आपके आलौकिक पथ पर हम चलते ही जायेंगे ।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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