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जुलाई का महीना 

शिवम अन्तापुरिया

जिस तरह से आपने खुद महसूस किया होगा कि हर व्यक्ति का स्वभाव अलग होता है। उसी तरह से हर महीने का रंग रूप और ढंग अलग ही होता है। उसी तरह से इस महीने का भी स्वभाव कुछ बहुत ही अलग अंदाज में है, अब आप सोच रहे होंगे क्या अंदाज अलग है बस कुछ देर में बताने वाला हूँ जुलाई का महीना किसे नहीं अच्छा लगता है कोई ही होगा हमारे ख्याल से कोई नहीं होगा जिसे अच्छा ना लगता हो जुलाई के महीने का बड़ी बेसब्री से इंतजार हमें रहता था एक तरह जिस क्लास में पिछले साल में था अब उससे एक क्लास आगे हो जाऊँगा शिक्षा में उपलब्धि हासिल करने में सबको खुशी होती है।

हर व्यक्ति के ख्याल में होता है मेरा भी बच्चा अगले जुलाई में स्कूल में पढ़ने जाने लगे लेकिन मेरा ख्याल से बहुत ही सबसे जुदा था वह क्या था हमें जब-जब जुलाई आती है तो अपने बचपन के दिन याद आ जाते हैं जब मैंने अपनी शुरुआती पढ़ाई शुरू की थी तब अपने स्कूल जाने के रास्ते में आंछी के पेड़ लगे थे जो सभी बच्चों को पढ़ाई में मन लगाने के लिए अपनी खुशबू से स्वागत कर रहे थे सुबह फूल देखने में सफेद रंग बर्फ की तरह जमे दिखाई देते थे सब बच्चों को नई-नई किताबों के रंगीन चित्र और उनसे निकलती मधुर सुगंध सबसे ज्यादा अपनी ओर आकर्षित करती रहती है।

जिससे हम बच्चों का मन पढ़ने में लगता रहता है सभी छात्रों को सावन के मौसम से ज्यादा अच्छा इस जुलाई का मौसम लगता है, क्योंकि यह महीना सावन के झूलों से कहीं ज्यादा बेहतर ख्यालों का झूला झुला देता है। सावन में तो झूला झूलने से केवल हमारे मन को शांति मिलती है, बल्कि ख्यालों के झूले में तो हमारा सारा घर परिवार झूला झूल रहा होता है क्योंकि सभी के माता-पिता का विचार होता है हमारा बेटा-बेटी पढ़कर आगे मेरा नाम रोशन करेगा इसी वजह से मैंने जुलाई को भविष्य और सफलता का महीना कहा है। इसे इसलिए जिसने जुलाई को नहीं भुलाया है तो उसे जुलाई ने भी कभी नहीं भुलाया है।

अगर आप धोखे से भूल भी कर रहे हो तो जुलाई ने खुद आपको जगा दिया अब आप सोचेंगे कि हमें तो जुलाई ने कभी जगाया नहीं है मैं बताता हूँ कब जगाया है आपको कभी आपके मन में कुछ ऐसे विचार आते हैं जब परिणाम अच्छे नहीं आते कि अब पढ़ाई को छोड़ दें तभी आपको अपने सहपाठियों की याद आती है तो लगता है अगर पढ़ाई छोड़ दी तो हमारे प्रिय मित्र छूट जाएंगे इसी विचार को लेकर हम पढ़ने लगते हैं यही जुलाई का असर होता है तो हमें नींद में सोते हुए से भी जगा देती है।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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