मंतव्य : गांधी जी का आगमन भी बड़हिया में हुआ था
बड़हिया स्टेशन के दक्षिण दिशा में प्लेटफार्म से उतर कर नीचे बायपास रोड पर जाने वाले रास्ते पर सीढ़ियों से उतरने के दौरान अक्सर लोग गिरते रहते हैं। लखीसराय की तरफ जाने वाली रेलपटरी के नीचे सबवे पर घुटनों पर पानी भरा रहता है। #राजीव कुमार झा
मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने संसद में रेलमंत्री से बिहार के बड़हिया रेलवे स्टेशन पर कोरोना लाकडाउन के दौरान जिन ट्रेनों का ठहराव निरस्त कर दिया गया था, उनके ठहराव को अभी भी शुरू नहीं होने के बारे में सवाल पूछा है। बड़हिया में करीब सारे ट्रेन का ठहराव रद्द कर दिया गया था और काफी आंदोलन के बाद यहां फिर ट्रेन ठहराव शुरू हुआ।
इसके पहले बिहार के भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा के पत्र लेखन के बाद रेलमंत्री ने एक दो ट्रेन का ठहराव यहां शुरू करने का निर्देश दिया था। बड़हिया में ट्रेन ठहराव आंदोलन के बाद किऊल के रेल पुलिस निरीक्षक के द्वारा बड़हिया के कुछ युवकों पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
इस बारे में भी रेलमंत्री से विजय कुमार सिन्हा को बातचीत करना चाहिए क्योंकि सारे युवक निर्दोष हैं और मुकदमा होने से इन लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। बड़हिया स्टेशन के बाहर राष्ट्रध्वज भी अभी तक नहीं स्थापित हुआ है। बड़हिया स्वतंत्रता आंदोलन का केन्द्र रहा है। इसमें यहां के लोगों ने प्राणोत्सर्ग किया है। गांधी जी का आगमन भी हुआ था।
रेलमंत्री के पद पर काम करने के दौरान लालू प्रसाद ने यहां कुली विश्राम गृह भी बनवाया था और नीतीश कुमार भी रेलमंत्रित्व काल में यहां आये थी और विकास के काम यहां फिर शुरू हुए थे। मनोज सिन्हा भी यहां आये थे लेकिन यहां स्टेशन की दशा किसी से छिपी नहीं है।
बड़हिया स्टेशन के दक्षिण दिशा में प्लेटफार्म से उतर कर नीचे बायपास रोड पर जाने वाले रास्ते पर सीढ़ियों से उतरने के दौरान अक्सर लोग गिरते रहते हैं। लखीसराय की तरफ जाने वाली रेलपटरी के नीचे सबवे पर घुटनों पर पानी भरा रहता है।
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