महामारी के खतरे से बचने का संकल्प…!

ओम प्रकाश उनियाल (स्वतंत्र पत्रकार)
नए साल 2022 का आगाज हो चुका है। बीते साल में जहां भारत जैसे देश में कुछ राज्यों को छोड़ अधिकतर में कोरोना महामारी का आंकड़ा निरंतर घटता गया वहीं विश्व के अनेक देशों में इसका ग्राफ बढ़ता ही रहा। भारत में तो काफी हद तक बीते साल सुकून रहा।
महामारी के कारण चरमरायी देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर बैठने लगी। आम नागरिक ने लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होने पर राहत की सांस ली, लेकिन कोविड नियमों का पालन अनिवार्य रहा। हर तरफ से खुशहाली का दौर चलने लगा। साल के अंत में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के साथ नए वेरिएंट ‘ओमिक्रोन’ ने पदार्पण कर सरकार के साथ-साथ आम नागरिक की चिंता बढ़ा दी।
दक्षिण अफ्रीका से शुरु हुआ यह नया वेरिएंट अब लगातार विश्व में अपनी पकड़ बनाने लगा है। तेजी से फैलने वाला यह वेरिएंट एक साथ कई लोगों को प्रभावित कर सकता है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अभी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ और नए वेरिएंट के आ धमकने से कहीं नए साल में कोरोना काल वाले हालात पैदा न हो जाएं।
सरकार की तरफ से बार-बार नागरिकों को टीकाकरण के प्रति जागरुक किया जा रहा है। क्योंकि, नए वेरिएंट से कुछ बचाव करना है तो दोनों टीकों का लगवाना अत्यावश्यक है। कोरोना से बचाव के लिए अभी तक बच्चों के लिए किसी प्रकार की दवा या वैक्सीन नहीं है।
नए साल में जरूरी है कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस प्रकार की महामारी से बचाव के उपाय खोजने को प्राथमिकता से लिया जाए। आम नागरिक को सरकार की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। देखा जा रहा है कि लोग बिल्कुल ही लापरवाह हो गए हैं।
इस बार नए साल की शुरुआत इसी संकल्प के साथ की जाए कि किसी भी महामारी के खतरे से बचने के लिए एहतियात बरते जाएं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() |
From »ओम प्रकाश उनियाललेखक एवं स्वतंत्र पत्रकारAddress »कारगी ग्रांट, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|