पवन की तरह बहना सीखें

सुनील कुमार माथुर
जीवन में सदैव सकारात्मक सोच रखिए और फिर आगें बढें परमात्मा ने हमें यह मानव जीवन उपहार स्वरूप दिया हैं तो इसे केवल मौज-मस्ती करके ही बर्बाद न करें अपितु इन सुनहरे क्षणों को ईश्वर की भक्ति में ध्यान लगा कर और भी स्वर्णिम बना ले । हमें पवन की तरह बहना होगा और लोक कल्याणकारी कार्य करने होंगे तभी इस जीवन की सार्थकता है ।
पवन जिस दिशा में चलती हैं उसी दिशा में पुष्पों की महक दिखाई देती हैं लेकिन जब इंसान ईश्वर की भक्ति में ध्यान लगा कर अपने आपकों ईश्वर के चरणों में समर्पित कर देता हैं तो फिर उसकी भक्ति की सुगन्ध चारों दिशाओं में दिखाई देती हैं । अतः हमें पवन की तरह बहना हैं और यह उसी से सिखना है चूंकि फूलों की सुगन्ध को बनाये रखने के लिए कांटे ही पुष्पों की रक्षा करते हैं ।
व्यक्ति को हमेशा गलत संगत से बचकर रहना चाहिए । चूंकि गलत संगत हमारे जीवन को नर्कमय बना देती हैं । इसलिए कहा भी जाता हैं कि व्यक्ति की इच्छाएं सीमित होनी चाहिए और उसे अपने मन पर नियंत्रण रखना भी आना चाहिए । जिसने मन पर कंट्रोल करना सीख लिया , समझों उसने जीवन को सही ढंग से जीना सीख लिया हैं ।
हर वक्त एक जैसी स्थिति नहीं होती हैं । जीवन में सुख – दुःख उतार चढाव तो आते ही रहते हैं । अतः मनुष्य को परेशान होने की जरूरत नहीं है । इस नश्वर संसार में अच्छे और बुरे सभी तरह के लोग रहते हैं लेकिन हमें तो अपना जीवन संवारना हैं इसलिए बुरे लोगों से हर वक्त बचकर रहना होगा । जीवन में संगत का असर तो पडता ही हैं । अतः जब भी संगत करे तो सही साधु संतों का संग करे । अच्छे लोगों का संग करे । अच्छा सोचें और अच्छा बोले । अच्छा खान – पान करे तो जीवन में रौनक आ जायेगी और जीवन आनंदमय हो जायेगा ।
हमें अपने काम – धंधे , कारोबार और नौकरी के साथ ही साथ कुछ समय ईश्वर की भक्ति में लगाना चाहिए । चूंकि ईश्वर की भक्ति में ध्यान लगाने से मन को जो अपार शांति व आनंद की प्राप्ति होती हैं वह शांति व आनंद बाजार में नहीं मिलते हैं वो तो ईश्वर की भक्ति करने से ही मिलता हैं । आप दस – पन्द्रह मिनट भी ईश्वर की भक्ति में निस्वार्थ भाव से ध्यान लगाये तो आपका बेडा पार हो जायेगा ।
डाक्टर भी दवा देते वक्त कहता हैं कि यह दवा अगर फायदा नहीं करेगी तो नुकसान भी नहीं करेगी । तब फिर यह तो ईश्वर की भक्ति हैं जो सदैव फायदा ही करती हैं । हां भक्ति के लिए मन का एकाग्रचित होना नितान्त आवश्यक है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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