***
फीचरसाहित्य लहर

डिब्रूगढ़ (आसाम) की पुष्पा बुकलसरिया का साक्षात्कार

(देवभूमि समाचार)

पुष्पा बुकलसरिया आसाम के डिब्रूगढ़ शहर की हिंदी कवयित्री हैं और इनके कविता संग्रह काव्य पुष्प में सुंदर भावों विचारों की कविताएं संकलित हैं. प्रस्तुत है इनसे राजीव कुमार झा की संक्षिप्त बातचीत…

प्रश्न – आप आसाम की सुपरिचित कवयित्री हैं. कविता लेखन से कब और कैसे लगाव कायम हुआ? आपने किस तरह की कविताएं लिखी हैं ?

उत्तर – मैंने एक पुस्तक विमोचन समारोह में स्वागत गीत गाया।तब तक मैंने कुछ भी नहीं सोचा था ।पर उस गीत से प्रभावित होकर वहां उपस्थित कुछ गुणीजनों ने मुझे 29 मई 2016 के दिन नारायणी साहित्य अकादमी, डिब्रूगढ शाखा के सभापति पद का दायित्व सौंप दिया। बस,कुर्सी पर बैठते ही सरस्वती मां की कृपा हुई और मेरी कलम चल पड़ी। मेरी रचनाओं को पाठकों द्वारा सराहा भी गया ।
मैंने सकारात्मक, समाज से संबंधित, बाल गीत और देशभक्तिकविताएं लिखीं हैं और लिख रही हूं।

प्रश्न – आपको किन कवियों – लेखकों से काव्य सृजन की प्रेरणा मिली? किन – किन साहित्यकारों को आपने पढ़ा है?

उत्तर – मैंने किसी भी साहित्यकार को नहीं पढा।

प्रश्न – आप अपने घर परिवार शिक्षा माता – पिता के बारे में बताएं?

उत्तर – मेरा पीहर गुवाहाटी व ससुराल डिब्रूगढ, असम में है।मैंने 1970ई में कला विभाग में स्नातक की डिग्री हासिल की।उस समय हमारे (मारवाड़ी)समाज में लड़कियां सिर्फ 6-7 कक्षा तक ही पढती थीं।पर मेरी आगे पढने की लगन को मेरे माता -पिता ने समाज का विरोध करके बढ़ावा दिया। मेरा विवाह 1972ई. में हुआ।40 वर्ष बहुत संघर्षमय व बंधन के थे।पर बाद में जब घर से बाहर निकली तो गुणीजनों के द्वारा हर समय प्यार व सम्मान मिलता गया ।

प्रश्न – साहित्य के अलावा आप अपनी अन्य अभिरुचियों के बारे में बताइए?

उत्तर – साहित्य के अलावा मुझे गायन,वादन व समाज सेवा में रुचि है।

प्रश्न – वर्तमान में आप डिब्रूगढ़ में रह रही हैं? यहां का साहित्यिक परिवेश कैसा है. इस शहर के बारे में भी बताइए ?

उत्तर – हमारे डिब्रूगढ का साहित्यिक परिवेश बहुत सराहनीय है ।हमारा शहर असम राज्य में स्थित है।

प्रश्न – सोशल मीडिया पर साहित्य से ही संबंधित कार्यक्रमों में आप काफी सक्रिय हैं ? इसके सकारात्मक प्रभावों के बारे में बताएं?

उत्तर – सोशल मीडिया पर काफी तो नहीं फिर भी सक्रिय हूं।इसके सकारात्मक परिणाम काफी उर्जावान हैं।मेरे ऑडियोज व वीडियोज
बहुत पसंद किये जाते हैं।

प्रश्न – आप अग्रवाल परिवार की बुजुर्ग महिला हैं. हमारे देश में अग्रवाल समुदाय के लोगों के द्वारा देश , समाज सेवा के कार्यों के बारे में बताएं ?

उत्तर – अग्रवाल समुदाय ने हर क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाई है, चाहे वह दान हो,धर्म हो,व्यापार हो यात्रा हो व समाज उपयोगी हो। जीवन में शांति और प्रेम की भावधारा को प्रवाहित करना कविता की रचना का प्रमुख उद्देश्य है .

प्रश्न – आज की कविताओं में मन के विचलन का भाव समाया है . इसके क्या कारण हैं ?

उत्तर – कविताओं में मन का विचलन होने का मुख्य कारण है मन का चंचल होना ,शब्दों में मान मर्यादा का लुप्त होना आदि।सबसे बडी बात है “हथेली में सरसों उगाने “की प्रथा जोर पकड़ी है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

राजीव कुमार झा

कवि एवं लेखक

Address »
इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights