कविता : मन में है विश्वास…!

नवाब मंजूर
वो हमें देखना चाहते हैं
भूखा नंगा!
इसलिए कोशिश हो रही है
दूर रखने की
शिक्षा , सुरक्षा से
समाज से
मुख्य धारा के मिजाज से
देश दुनिया के नवीन ईजाद से
लोगों के विश्वास से
सूर्य के प्रकाश से
इसलिए मिलाया जा रहा है
खाक में!
पहुंचाया जा रहा है
नशे के दरबार में
लगायी जा रही है आग
घर बार में!
बात बात में चिल्लम चू
मीडिया,नोबल मीडिया में थू थू!
लेकिन
हर बार हम उठ खड़े होते हैं
अपने अंदाज से
मन के विश्वास से!
इस बार भी उठ खड़े होंगे…
वक्त लगेगा थोड़ा
टूट चुके हैं पूरा
लेकिन हारा नहीं है विश्वास
क्योंकि
मन में है आग आस और
शिक्षा के लिए
प्यास!
👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…
WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO
FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/
Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/
Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar
YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() |
From »मो. मंजूर आलम ‘नवाब मंजूरलेखक एवं कविAddress »सलेमपुर, छपरा (बिहार)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|