बापू तेरे देश में

सुनील कुमार माथुर
बापू तुम अहिंसा के पुजारी थें
सत्य और अहिंसा का पाठ पढाया था
भाईचारे के साथ रहना सिखाया था
हर समस्या का समाधान
मिल बैठकर आपसी सामंजस्य से करना
तुमने हमें सिखाया था
लेकिन
देख लों बापू
तुम्हारे ही देश में
गणतंत्र दिवस पर बेकाबू भीड ने
बडे पैमाने पर हिंसा की
पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की
बापू तुमने भी देखा होगा सुना होगा
क्या तुम्हें नहीं लगा कि
देश में आजादी के मायने
लोगों ने क्या क्या नहीं किया
बापू समय रहते एक बार फिर से
यह धरती पर लौट आओं
प्रेम , करूणा , ममता व वात्सल्य का भाव
फिर से जन – जन में फूंक डालों
हे बापू ! अब और सहन नहीं होता
हिंसा , बलात्कार, चोरी चकारी ,
ठगी , हेराफेरी, रिश्वरखोरी का तांडव
मंहगाई की मार अब और सहन नहीं होती हैं
बापू ! बिना विलम्ब किये
तुम्हें फिर से पुनर्जन्म लेना होगा
हिंसा से इस राष्ट्र को बचाना होगा
समाज में फिर से भाईचारा का
माहौल स्थापित करना होगा
राष्ट्र की मुख्यधारा से भटके लोगों को
फिर से सही राह दिखानी होगी
बापू तुम्हें एक बार फिर से
इस धरती पर आना होगा
गणतंत्र का मान उसे दिलाना होगा
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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Bahut sunder
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