बीपीडीओ भर्ती में हाकम सिंह व संजीव कुमार को जमानत

आरोपितों के खिलाफ कई अन्य मुकदमे दर्ज हैं, इसलिए वह दोनों अभी जेल में ही रहेंगे...

बीपीडीओ भर्ती में हाकम सिंह व संजीव कुमार को जमानत… वह सरकारी कर्मचारी नहीं है और न ही कभी उत्तराखंड सेवा चयन आयोग से उसका कोई सरोकार रहा है। उसे बिना किसी आधार के आरोपित बनाया गया है।

देहरादून। विशेष न्यायाधीश सतर्कता अधिष्ठान बृजेंद्र सिंह की अदालत ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (बीपीडीओ-2016) भर्ती घोटाले के आरोपित व नकल माफिया हाकम सिंह रावत और आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश कुमार के भाई संजीव कुमार चौहान को जमानत दे दी है।

हालांकि, दोनों आरोपितों के खिलाफ कई अन्य मुकदमे दर्ज हैं, इसलिए वह अभी जेल में ही रहेंगे। हाकम सिंह ने अपने अधिवक्ता आरिफ बेग के माध्यम से कोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थनापत्र दिया था। अधिवक्ता आरिफ बेग ने कोर्ट को बताया कि उत्तरकाशी के लिवाड़ी निवासी हाकम सिंह का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। उसे झूठा फंसाया गया है।

वह सरकारी कर्मचारी नहीं है और न ही कभी उत्तराखंड सेवा चयन आयोग से उसका कोई सरोकार रहा है। उसे बिना किसी आधार के आरोपित बनाया गया है। जिन छात्रों को गवाह बनाया गया है, उनका प्रार्थनापत्र दाखिल नहीं किया गया है। इसके साथ ही आरोपित से केस से जुड़ी किसी सामान की बरामदगी नहीं हुई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आशुतोष (दांडिक) की ओर से दलील दी गई कि आरोपित के विरुद्ध परीक्षा संबंधित प्रकरणों में मुकदमे दर्ज हैं, जो विचाराधीन हैं। ऐसे में यदि उसे जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर साक्ष्यों को नष्ट कर सकता है। मामले की प्रकृति गंभीर है, इसलिए प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए।

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने हाकम को 50 हजार रुपये के बंधपत्र व दो जमानती प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए। बीपीडीओ भर्ती मामले में कोर्ट ने आरएमएस टेक्नो सोल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश कुमार के भाई संजीव कुमार चौहान को जमानत पर रिहा कर दिया है। संजीव कुमार के अधिवक्ता आरिफ बेग ने कोर्ट को बताया कि उसे मुकदमे में झूठा फंसाया गया है।

उससे केस से जुड़ा कोई सामान बरामद नहीं हुआ है। शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि आरोपित संजीव ने अपने भाई राजेश कुमार की कंपनी आरएमएस टेक्नो सोल्यूशंस व आयोग के कार्मिकों के साथ मिलकर अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में गड़बड़ियां की हैं। आरोपित के विरुद्ध परीक्षा से संबंधित प्रकरणों में मुकदमे दर्ज हैं, जो विचाराधीन हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद संजीव कुमार चौहान को 50 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र व दो जमानती प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा कर दिया।

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बीपीडीओ भर्ती में हाकम सिंह व संजीव कुमार को जमानत... वह सरकारी कर्मचारी नहीं है और न ही कभी उत्तराखंड सेवा चयन आयोग से उसका कोई सरोकार रहा है। उसे बिना किसी आधार के आरोपित बनाया गया है।

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