अपराधराष्ट्रीय समाचार

हल्द्वानी के बनमीत ने अमेरिका में फैलाया काला धंधा

बताया जा रहा है कि बनमीत सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर आठ वितरण शाखाओं को नियंत्रित किया। इनमें ओहियो, फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, मैरीलैंड, न्यूयॉर्क, उत्तरी डकोटा और वाशिंगटन सहित अन्य स्थानों पर उसकी शाखाएं थीं, जहां विदेशों से दवाएं पहुंचती थीं फिर छोटे पैकेट में अगल-अलग स्थानों पर सप्लाई होती थी।

नैनीताल। ड्रग्स तस्करी से हल्द्वानी के बनमीत सिंह ने अमेरिका में महज पांच साल में मल्टीमिलियन डॉलर का कारोबार खड़ा कर लिया। तस्करी के लिए उसने डार्क वेब का सहारा लिया। अमेरिकी कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही उसे पांच साल जेल की सजा सुनाई और 150 मिलियन डॉलर जब्त करने का भी आदेश दिया था। शुक्रवार तड़के से देर रात तक उसके घर पर ईडी की टीम दस्तावेज खंगालती रही और परिजनों से पूछताछ भी करती रही।

तिकोनिया निवासी ड्रग तस्कर बनमीत को अप्रैल 2019 में लंदन से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मार्च 2023 में उसे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। कोर्ट की कार्यवाही के बीच इसी साल जनवरी में उसने अपना गुनाह कुबूल किया था। अमेरिका में प्रतिबंधित दवा (ड्रग) का कारोबार फैलाने के लिए बनमीत ने डार्क वेब यानी इंटरनेट आधारित उद्योग का इस्तेमाल किया था। इसके लिए डार्क वेब पर सिल्क रोड, अल्फा बे, हंसा नाम से वेबसाइट बनाई गई थीं।

ग्राहकों ने विक्रेता की वेबसाइट का इस्तेमाल कर क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान किया। बताया जा रहा है कि बनमीत ने फेंडेनाइल, एसएसडी, एक्स्टसी, जैनेक्स, केटामाइन और ट्रामाडोल जैसे प्रतिबंधित पदार्थों का कारोबार किया और क्रिप्टोकरेंसी में अच्छी खासी रकम भी कमाई। उसके पास से क्रिप्टोकरेंसी में करीब 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर जब्त किए गए थे।

बनमीत ने यूएस मेल या दूसरी शिपिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर यूरोप से अमेरिका तक दवाएं भेजीं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बनमीत ने 2012 से जुलाई-2017 तक अमेरिका के आठ प्रांतों में अपने पांव जमाए। बनमीत ने ओहियो, फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, मैरीलैंड, न्यूयॉर्क, उत्तरी डकोटा और वॉशिंगटन समेत कई अन्य इलाकों में कारोबार किया। कारोबार से जुड़े लोगों को विदेशों से प्रतिबंधित दवा की शिपमेंट भेजी गईं। इसके बाद कनाडा, इंग्लैंड, आयरलैंड, जमैका, स्कॉटलैंड और यूएस वर्जिन द्वीप समूह में दवाओं की दोबारा पैकिंग कर बेची गईं।

इंटरनेट का 96 फीसदी हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब के अंदर आता है। हम इंटरनेट कंटेंट के केवल चार प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल करते हैं, इसे सरफेस वेब कहा जाता है। डीप वेब पर मौजूद कंटेंट को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड की जरुरत होती है, जिसमें ई-मेल, नेट बैंकिंग आते हैं। डार्क वेब खोलने के लिए टॉर ब्राइजर का इस्तेमाल होता है। डार्क वेब पर ड्रग्स, हथियार आदि प्रतिबंधित सामान उपलब्ध रहता है।

ऑफिस ऑफ पब्लिक अफेयर्स यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से बीते दिनों जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, सिंह संगठन के दवा ऑर्डरों में सदस्य अक्सर विक्रेता के नाम ””लिस्टन”” का इस्तेमाल करते थे और ””आई एम स्टिल डांसिंग”” जैसे वाक्यांश का प्रयोग करते थे।

बताया जा रहा है कि बनमीत सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर आठ वितरण शाखाओं को नियंत्रित किया। इनमें ओहियो, फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, मैरीलैंड, न्यूयॉर्क, उत्तरी डकोटा और वाशिंगटन सहित अन्य स्थानों पर उसकी शाखाएं थीं, जहां विदेशों से दवाएं पहुंचती थीं फिर छोटे पैकेट में अगल-अलग स्थानों पर सप्लाई होती थी। अमेरिका के 50 राज्यों के साथ ही कनाडा, इंग्लैंड, आयरलैंड, जमैका, स्कॉटलैंड और यूएस वर्जिन द्वीप समूह में स्थानों दवाएं भेजी जाती थीं।


Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights