ज्ञान और शिक्षा की पहचान है संग्रहालय

ज्ञान और शिक्षा की पहचान है संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर, 2009 ई. में 90 देशों के उत्सव का हिस्सा बनने वाले लगभग 20,000 संग्रहालय एवं 2012 ई. में 129 देशों के विश्व संग्रहालय दिवस में भाग लेने वाले 30 हज़ार संग्रहालयों की भागीदारी थी।
जहानाबाद। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर भारतीय विरासत संगठन के अध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित संग्रहालय और अतीत विचार गोष्टी में कहा कि संग्रहालय अतीत की सांस्कृतिक विरासत का मंदिर और संग्रहालय जीवन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मानव जीवन की प्राचीन वस्तुओं को एकत्र और संरक्षित कर ज्ञान के क्षितिज को व्यापक बनाने के लिए रखा जाता है।अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस, का उद्देश्य संग्रहालयों द्वारा समाज में किए जाने वाले महान योगदान के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद ने 18 मई 1977 में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया था।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद संग्रहालयों और संग्रहालय पेशेवरों का वैश्विक संघ सार्वजनिक जागरूकता, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देता है। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 1978 को मनाने में 22 देशों ने अधिक शामिल हुई है । प्रतिवर्ष 150 देशों से विभिन्न संग्रहालय और सांस्कृतिक संगठन भाग लेते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर, 2009 ई. में 90 देशों के उत्सव का हिस्सा बनने वाले लगभग 20,000 संग्रहालय एवं 2012 ई. में 129 देशों के विश्व संग्रहालय दिवस में भाग लेने वाले 30 हज़ार संग्रहालयों की भागीदारी थी ।विश्व संग्रहालय दिवस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक कलाकृतियों और चीजों को बचाने और ज्ञान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मूल्य को पहचानने की याद दिलाता है।
खुन्था खोंच खड़ाऊं खूंटा, लुंगी लाठी लोटा लगोटा