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अन्वेषकों की पुस्तक है मगध क्षेत्र की विरासत

अन्वेषकों की पुस्तक है मगध क्षेत्र की विरासत… मगध प्रदेश का एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र अरवल जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यहाँ के सांस्कृतिक विरासत पर आधारित एक स्वतन्त्र पुस्तक का प्रकाशन पहले हो चुका है। प्रस्तुत कृति में लेखक सत्येन्द्र कुमार पाठक की पुस्तक मगध क्षेत्र की… #डॉ. उषाकिरण श्रीवास्तव, लेखिका सह कवियित्री

मगध का इतिहास अत्यन्त प्राचीन और समृद्धशाली रहा है। विरासत को समाज शास्त्रियों, इतिहासकारों और अन्य सम्बद्ध विधाओं के विद्वानों ने अपने-अपने स्तर से व्याख्या की है। ऐसे अनेक संदर्भ ‘पब्लिक डोमेन’ में उपलब्ध हैं, जिन्होंने मगध के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विवेचन है। ऐसे कुछ महत्त्वपूर्ण विद्वानों में आर्यानी, लीलाधर, बिमलाचरण आदि का नाम विशेष रूप से लिया जा सकता है।

लेकिन इतिहासकार सतेन्द्र कुमार पाठक जी की पुस्तक मगध क्षेत्र की विरासत में शोध विषयक दृष्टि अन्य अन्वेषकों की तुलना में थोड़ा विलग है। यही कारण है कि उनके अधिकांश शोध आलेखों में हम पाते हैं कि उपलब्ध लिखित-अलिखित अभिलेखों, साक्ष्यों तथा अन्य प्रमाणों के साथ-साथ विभिन्न पहलुओं की गहराई से जाँच तथा स्थल का स्वयं जाकर अन्वेषण करने की इनमें अद्भुत क्षमता है, जो उनके कार्यों को सर्वथा अलग पहचान देती है।

‘मगध क्षेत्र की विरासत’ इसका ज्वलंत उदाहरण है। वैसे तो मगध क्षेत्र का फलक अत्यंत व्यापक और विस्तृत है, इसके बावजूद लेखक ने मगध के अधिकांश क्षेत्रों की विशिष्टता को अपने गहन विवेचना के आधार पर रेखांकित करने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में मगध के अधिकांश जिले यथा गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा, नालन्दा और पटना की बहुआयामी सांस्कृतिक विरासत को उकेरने का प्रयास किया गया है।

मगध प्रदेश का एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र अरवल जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यहाँ के सांस्कृतिक विरासत पर आधारित एक स्वतन्त्र पुस्तक का प्रकाशन पहले हो चुका है। प्रस्तुत कृति में लेखक सत्येन्द्र कुमार पाठक की पुस्तक मगध क्षेत्र की विरासत ने न सिर्फ मगध के सांकृतिक विरासत का लेखा-जोखा विभिन्न काल खंडों में ऐतिहासिक संदर्भों के आधार पर रेखांकित करने का प्रयास किया है.

बल्कि इसके सामाजिक पहलुओं का भी अपने अन्वेषी चिन्तन के आधार पर बड़े ही सारगर्भित रूप से प्रस्तुत किया है। इस दृष्टि से पाठक जी द्वारा लिखित मगध क्षेत्र की विरासत यह एक अनुपम प्रकाशन है, जो समाज के सामान्य पाठकों के साथ साथ शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी साबित होगा।

अध्यक्षा, स्वंर्णिम कला केंद्र, मुजफ्फरपुर ( बिहार )
संपादक, वसुंधरा, जिला संबाददाता मुजफ्फरपुर, अवध दूत ( हिंदी दैनिक ), प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश

आनंद के दिन


अन्वेषकों की पुस्तक है मगध क्षेत्र की विरासत... मगध प्रदेश का एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र अरवल जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यहाँ के सांस्कृतिक विरासत पर आधारित एक स्वतन्त्र पुस्तक का प्रकाशन पहले हो चुका है। प्रस्तुत कृति में लेखक सत्येन्द्र कुमार पाठक की पुस्तक मगध क्षेत्र की... #डॉ. उषाकिरण श्रीवास्तव, लेखिका सह कवियित्री

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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