वाणी पर नियंत्रण
वाणी पर नियंत्रण… दुनियां एक दूसरे के स्वभाव से ही दुखी है अतः हमेशा अच्छा स्वभाव रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। कडवे बोल बोल कर किसी का भी दिल न दुखाएं अपितु अच्छे बोल बोल कर सभी का मन जीतने का ही प्रयास करें। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
आज के इस समय पर वाणी पर नियंत्रण रखना बहुत ही आवश्यक है। यह वाणी ही हैं जो अच्छा बोलने पर हमारा मान सम्मान कराती हैं और बुरा बोलने पर पिटवा देती है। इसलिए जहां तक हो उ कम बोले और अच्छा बोले व जितना आवश्यक हो उतना ही बोलें। चूंकि अनावश्यक बोलने पर कभी भी मुख से कटु वचन निकल सकते हैं और फिर हमारे वर्षो के बने बनाए रिश्ते नाते टूट जाते है ऐसे कटु वचन किस काम काम के।
कभी कभी लोग कटु वचन सुन कर भी मौन रह जाते हैं। केवल यह सोच कर की कौन इससे दिमाग लगाये। यह अभी क्रोध में हैं। जवाब तो मैं भी दे सकता हूं फिर इसमें ओर मुझ में क्या फर्क हैं। इतना सोचना ही महानता की निशानी है और आपका सब्र टूटते रिश्ते नाते को बचा लेता है।
एक संत ने कथा के दौरान कहा कि गाडी बिगड जाती है तो हम उसे फिर से ठीक करा लेते है लेकिन जब परमात्मा ने हमें जीवन रुपी इतनी मंहगी गाडी दी है तो फिर इसे हम शराब पीकर, गुटका खाकर या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करके क्यों खराब कर रहे हैं । इनके सेवन से तो हमारा पाचनतंत्र ही खराब होता हैं।
दुनियां एक दूसरे के स्वभाव से ही दुखी है अतः हमेशा अच्छा स्वभाव रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। कडवे बोल बोल कर किसी का भी दिल न दुखाएं अपितु अच्छे बोल बोल कर सभी का मन जीतने का ही प्रयास करें। एक कलमकार चाहता है कि मैं मेरी अपनी कलम के माध्यम से दूसरों को यह अनुभव कराऊं कि जो मैंने खुश रहने के लिए कठिन समय में भी जीवित रहने के बारे में अनुभव किया है उस अनुभव का अन्य लोग भी लाभ उठायें।
अपने आपको खुश व व्यस्त रखने के लिए ही मैंने लेखन का कार्य आरम्भ किया है । घर की चारदीवारी में बंद रहकर इंसान नकारात्मक सोच वाला बन जाता हैं। उसकी चिंतन शक्ति के ध्दार ब़ंद हो जाते हैं । इसलिए कहा गया है कि सदैव हंसते मुस्कुराते रहे। जब आप खुश हैं तो आपका परिवार, सभी मित्रगण, पडौसी, समाज व राष्ट्र खुशहाल रहेगा।