साहित्य लहर

तेरी दुआयें ही मेरी कमाई

आरती त्रिपाठी

तेरी दुआयें ही मेरी कमाई है।
तेरे कदमों से बरकत आई है।
तुझसे ही मैंने जीवन है पाया।
तुझसे ही सारी खुशियां पाई है।

तेरे कदमों की धूल जो मिल गई।
दुनिया मेरी तो फूल सी खिल गई।
तेरे कदमों के निशानों पर चलकर।
मैंने ये खूबसूरत मंजिल पाई है।

तूने जब जब मुझे हँसके गले लगाया।
तब तब मैंने खुदा को खुद में पाया।
जब तूने हँसकर मेरे सर पे हाथ फेरा।
तब तब मेरे जीवन का हुआ नया सवेरा।

माँ मेरी कभी ना तू मुझसे रूठना।
खफा ना होना चाहे जी भरके कूटना।
तेरे आँचल की छाया में ही मैंने तो।
चाँद जैसी ठंडी शीतलता पाई है।

मेरा जीवन हो बस तेरे कदमों तले।
तेरी ही छाया में जीवन की शाम ढले।
हर अच्छी बुरी सीख मैने तुझसे पाई है।
मैं कोरा कागज हूँ माँ तू मेरी रोशनाई है।

तेरी दुआयें ही मेरी कमाई है।
तेरे कदमों से बरकत आई है।
तुझसे ही मैंने जीवन है पाया।
तुझसे ही सारी खुशियां पाई है।

तेरे कदमों की धूल जो मिल गई।
दुनिया मेरी तो फूल सी खिल गई।
तेरे कदमों के निशानों पर चलकर।
मैंने ये खूबसूरत मंजिल पाई है।

तूने जब जब मुझे हँसके गले लगाया।
तब तब मैंने खुदा को खुद में पाया।
जब तूने हँसकर मेरे सर पे हाथ फेरा।
तब तब मेरे जीवन का हुआ नया सवेरा।

माँ मेरी कभी ना तू मुझसे रूठना।
खफा ना होना चाहे जी भरके कूटना।
तेरे आँचल की छाया में ही मैंने तो।
चाँद जैसी ठंडी शीतलता पाई है।

मेरा जीवन हो बस तेरे कदमों तले।
तेरी ही छाया में जीवन की शाम ढले।
हर अच्छी बुरी सीख मैने तुझसे पाई है।
मैं कोरा कागज हूँ माँ तू मेरी रोशनाई है।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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