साहित्य लहर
दुनिया रैन बसेरा है क्या तेरा क्या मेरा है
सुनील कुमार
दुनिया रैन बसेरा है क्या तेरा क्या मेरा है
असीमित इच्छाओं ने ऐसा जाल बिखेरा है
कहीं खुशी कहीं गम का डेरा है
दुनिया रैन बसेरा है क्या तेरा क्या मेरा है।
भाई बंधुऔर कुटुंब कबीला कोई नहीं तेरा है
दुनिया रैन बसेरा है क्या तेरा क्या मेरा है।
स्वार्थ के सब मीत यहां वक्त पड़े मुंह फेरा है
दुनिया रैन बसेरा है क्या तेरा क्या मेरा है।
सांसें चल रही जब तक जीवन का खेला है
सांसें रूकी जिस क्षण खत्म खेल यहां तेरा है
दुनिया रैन बसेरा है क्या तेरा क्या मेरा है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|