साहित्य लहर
कदम कदम मिलाकर चल
भुवन बिष्ट
रचना-उमंग मन में भर
हौसलों को मिलता बल,
कदम कदम मिलाकर चल।
डगमग करे न कोई पग,
मेहनत से होगें सब सफल।…
अब आश कर विश्वास कर,
साहस उमंग मन में भर।
पथ कठिन भी देख कर,
राही तनिक भी अब न डर।।….
विपदा भी आती हैं अनेक,
चलें काम सदा करें नेक।
बढ़ते चलें हम राह पर,
मिले सदा ही उसका फल।….
हौसलों को मिलता बल,
कदम कदम मिलाकर चल।
डगमग करे न कोई पग,
मेहनत से होगें सब सफल।…
अब एकता की बाँध डोर,
तब प्रकाश फैले चहुँ ओर।
भय को मिटाते चलता चल,
बनती नव उमंग नव भोर।
बन ज्ञान का प्रकाश पुंज,
अब मिटा दे अंधकार धुंध।
सहज बने हर राह तब,
हों दूर सब कष्टों के कुंज।
हर गुण समाये बन सकल,
उम्मीद भर नभ जल थल।
भारत भूमि की समृद्धि में,
बितायें हम अनमोल पल।
हौसलों को मिलता बल,
कदम कदम मिलाकर चल।
डगमग करे न कोई पग,
मेहनत से होगें सब सफल।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »भुवन बिष्टलेखक एवं कविAddress »रानीखेत (उत्तराखंड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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