एकता व समानता हमारे संविधान की सबसे बडी ताकत

एकता व समानता हमारे संविधान की सबसे बडी ताकत… शहीदो को नमन् हैं जिन्होंने देश को आजादी दिलाकर देश का गौरव बढाया। हमारा संविधान हमारे लिए सबसे बडा और पवित्र ग्रंथ है। एक ऐसा ग्रंथ जिसमें … ✍️ सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

गणतंत्र दिवस देश की आन, बान व शान का प्रतीक हैं। चूंकि इस दिन 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ था। उसी की याद में हम छब्बीस जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते चले आ रहें है। यह संविधान पूरा 22 भागों में बंटा हुआ है। लोगों में देश भक्ति जगेगी तभी लोगों में मानवता जगेगी। अतः राष्ट्र भक्ति का प्रचार-प्रसार भी जरूरी हैं। इस दिन हर कोई देश भक्ति के रंग में रंगा दिखाई देता हैं। हमारे देश के संविधान के निर्माण में 2वर्ष 11 माह व 18 दिन का समय लगा।

हमारा संविधान राष्ट्रीय एकता का संदेश देता हैं। इसलिए इसका आदर करना और इसकी अस्मिता को बचाये रखना हम सभी का दायित्व है। विविध पंथ और धर्म संस्कृतियों वालें देश में एकता और समानता का अधिकार हमारे संविधान की ताकत हैं। इस राष्ट्रीय पावन पर्व पर भेदभाव की भावना से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता, सौहार्द, संवेदनशीलता एवं भाईचारे की भावना को आत्मसात करें व देश की तरक्क़ी में अपना हर संभव योगदान करने का संकल्प ले।

हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हैं । केसरिया रंग त्याग व बलिदान का रंग हैं। जो सबसे ऊपर हैं नीचे हरा रंग हैं जो हमारी खुशहाली का रंग हैं व बीच में सफेद रंग हैं जो शांति का प्रतीक हैं। बीच में जो चक्र हैं वह निरन्तर प्रगति करते रहने का सूचक हैं। राजपथ पर देश की आन, बान व शान का प्रतीक तिरंगा झंडा फहराया जाता हैं तब तब जल, थल व नभ में बुलंद गणतंत्र का शौर्य राष्ट्रगान की धुन बजाती हैं। संयुक्त मिलिट्री बैंड राष्ट्रपति को इक्कीस तोपों की सलामी देता हैं एवं राष्ट्रपति महोदय तिरंगा झंडा फहराते हैं।

इस दिन अद् भूत नजारे देखने को मिलते हैं। जीवन कला, संस्कृति की झांकियां के बेजोड नमूने, एवं हर राज्य का प्रतिनिधित्व देखने को मिलता हैं। इस दिन देश की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिलती हैं ये झांकियां दर्शाती है कि कर्म ही पूजा हैं। वही योगा करतें बच्चों की झलक भी देखने को मिलती हैं. गरबा डांस, नृत्य, मोटर साइकिल पर जवानों ध्दारा शानदार प्रदर्शन व करतब का शानदार प्रदर्शन देखने योग्य हैं जिसे देखकर हर कोई दर्शक दांतों तले अंगुलियां दबा लेता है। हेलीकाप्टर व विमानों के करतब एवं प्रदर्शन व तिरंगे बैलुन हवा में उडाये जाते है।

शहीदो को नमन् हैं जिन्होंने देश को आजादी दिलाकर देश का गौरव बढाया। हमारा संविधान हमारे लिए सबसे बडा और पवित्र ग्रंथ है। एक ऐसा ग्रंथ जिसमें हमारे जीवन का, हमारे समाज का , हमारी परम्पराओं और मान्यताओं का समावेश हैं और नई चुनौतियों का समाधान भी। परेड व सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं व उन्हें पूरे कार्यक्रम तक बांधे रखते हैं। सारे जहां से अच्छा यह हिन्दुस्तान हमारा जैसी धुने हमारे जवानों का हौसला बढाती हैं। इस दिन दिन भर देश भक्ति से ओतप्रोत गानें बजाये जातें है।

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ऊंट घोडो की आकर्षक सजावट देखने योग्य होती हैं सका िक स्कूल, एन सी सी के कैडिटो की सलामी कदम से कदम बढायें जायें की धुन के साथ। इस दिन महिला सशक्तिकरण को भी दर्शाया जाता हैं। एन सी सी का मार्चिग का दस्ता, शिल्प कला, लोक संस्कृति, लोक कला, देवी देवताओं, वैदिक वास्तुकला, पर्वों की झांकियां, जनजातीय धार्मिक उत्सव, कच्चे माल से तैयार की झांकी, बांस व बेत की बनाई गयी झांकी, स्थापत्य कला, आधुनिक तकनिक से संबंधित झांकी देखने योग्य होती हैं जो जीवन्त संस्कृति को दर्शाती है।



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हम अपने देश के सभी ज्ञात व अज्ञात सैनिकों को नमन् करते हैं कि हम भी उनके जीवन को आत्मसात कर देश को एक नई दशा व दिशा प्रदान करें व अमर शहीदों के सपनों के भारत का निर्माण करें। हर देशवासी संयम, धैर्य, सहनशीलता, नम्रता व विनम्रता के साथ आगे बढे। अमर शहीदों के त्याग व बलिदान से प्रेरणा ले और उनके अधूरे सपनों को पूरा करे तथा राष्ट् विरोधी ताकतों का खात्मा करने के लिए आगे आकर प्रशासन व सरकार का सहयोग करें।



व्यवहार और आदर


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एकता व समानता हमारे संविधान की सबसे बडी ताकत... शहीदो को नमन् हैं जिन्होंने देश को आजादी दिलाकर देश का गौरव बढाया। हमारा संविधान हमारे लिए सबसे बडा और पवित्र ग्रंथ है। एक ऐसा ग्रंथ जिसमें ... ✍️ सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

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