समय काटे नहीं कटता

सुनील कुमार माथुर
सेवानिवृत्ति के बाद प्रायः लोगों के मुख से यह सुना जाता हैं कि समय काटे नहीं कटता हैं । गर्मियों में दिन काफी लम्बे लगते हैं और समय काटना कठिन हो जाता हैं । वही दूसरी ओर महिलाएं घरेलू कार्य करते हुए कहती हैं कि समय पंख लगाकर इतना जल्दी निकल जाता हैं कि पता ही नहीं चलता हैं कि कब शाम हो गयी । अभी इतने सारे काम बाकी पडे हैं सोचती रोज हूं कि कल यह करूंगी वो करूंगी लेकिन काम हैं कि पूरे होते ही नहीं हैं ।
महिलाओं के पास समय नहीं और सेवानिवृत लोगो के पास समय ही समय हैं, लेकिन वे कोई कार्य करना नहीं चाहते । नतीजन उन्हें दिन लम्बा लगता हैं । आप अपनी रूचि का कोई भी कार्य चुन ले और फिर उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाईये । आपका समय भी पास हो जायेगा और अपार आनंद की प्राप्ति भी होगी ।
अगर आपकी धर्म – कर्म में रूचि हैं तो कथा सुनने जाईये या घर पर ही बैठकर टी वी पर कथा सुने । भजन-कीर्तन में रूचि हैं तो भजन-कीर्तन में जाईये या फिर घर पर ही भजन-कीर्तन करें । साहित्य में रूचि हैं तो साहित्यिक सामग्री पढें । आपके पास संग्रह किये हुए कोई साहित्यिक लेख , पत्र – पत्रिकाएं हैं तो उन्हें पढकर पुरानी यादें ताजा करें ।
बाल साहित्य में रूचि हैं तो बच्चों के अनुकूल बाल कहानियां , चुटकुले , पहेलियां , ज्ञान विज्ञान संबंधी लेख लिखे , नाटक लिखें और फिर उन्हें प्रकाशनार्थ हेतु बाल साहित्य की पत्रिकाओं व समाचार पत्रों के रविवारीय व बुधवार को प्रकाशित होने वाले मनोरंजन परिशिष्ट में भेजें ताकि बच्चे उन्हें पढकर जहां एक ओर अपना स्वस्थ मनोरंजन कर सकेंगे वही दूसरी ओर प्रेरणादायक कहानियों, नाटकों व लेखों को पढकर उन्हें अपने जीवन में आत्मसात कर सकें ।
आज के वक्त में बाल साहित्यकार कम ही मिलते हैं चूंकि बाल साहित्य लेखन हेतु पहले लेखक को स्वंय बालक बनना पडता हैं तभी वह बच्चों के अनुकूल श्रेष्ठ रचना लिख सकता हैं । आप गऊशाला , अस्पताल में जाकर भी गायों और बीमार लोगों की सेवा नि: स्वार्थ भाव से कर सकते हो । आप गर्मियों के मौसम में बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को घूम – घूम कर बस व रेल डिब्बे तक जाकर ठंडा पानी पिलाकर भी अपना खाली समय आसानी से व्यतीत कर सकते हैं ।
लेकिन इन स्थानों पर अपनी निशुल्क व निस्वार्थ भाव से सेवा देने के लिए पहले संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों से अनुमति अवश्य ले ताकि आपके कार्य आरम्भ करने के बाद में किसी भी प्रकार की परेशानी पैदा न हो । अनुमति के साथ ही साथ हो सके तो अपना पहचान पत्र भी बनवा ले ताकि सेवा के दौरान आप उसे अपनी शर्ट पर लगाकर आसानी से बिना बाधा के अपनी सेवाएं दे सकते हैं आप अपने घर पर बागवानी करके भी अपना खाली समय आसानी से व्यतीत कर सकते हैं । यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस कार्य को चुनते हैं ।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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