गुजरात में इस बार…?
गुजरात में इस बार…? यह तो तय है कि गुजरात की बागडोर भाजपा के हाथों में होगी। मोदी का जादू एवं विकास को दी गयी गति वहां के मतदाताओं का रुझान भाजपा की तरफ आकृष्ट कर रही है। देहरादून, देवभूमि उत्तराखण्ड से ओम प्रकाश उनियाल की कलम से…
गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचार के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई है। प्रधानमंत्री की अब तक कई रैलियां की जा चुकी हैं। अभी और भी होनी हैं। उधर कांग्रेस ज्यादा कुछ प्रचार करने के मूड में नजर नहीं आ रही है। राहुल गांधी का फोकस इस समय ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर अधिक है।
गुजरात में प्रचार का भार वहां के कार्यकर्ताओं के कंधों पर ही नजर आ रहा है। राहुल गांधी मिशन 2024 को लेकर चल रहे हैं। वैसे भी गुजरात से उन्हें ज्यादा उम्मीद नहीं है। कुछ विधानसभा क्षेत्र हैं जहां कांग्रेस की पकड़ शुरु से ही मजबूत रही है। लेकिन इस बार उन क्षेत्रों से भी कांग्रेस की पकड़ ढीली हो सकती है। जिन मतदाताओं के बल पर कांग्रेस दम भरती थी वे भी बिखर सकते हैं।
क्योंकि औवेसी की पार्टी भी मैदान में है। जो कि कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकती है। आप पार्टी भी प्रचार में पीछे नहीं है। ‘मुफ्त’ के लोकलुभावन नारे लेकर जनता के बीच उतरी आप पूरी तरह आश्वस्त है कि पंजाब की तरह गुजरात की गद्दी उन्हें हासिल हो जाएगी। हालांकि, यह दिवास्वप्न देखने के समान है। इतना जरूर है कि ‘आप’ को कुछ और अनुभव हासिल हो जाएगा।
यह तो तय है कि गुजरात की बागडोर भाजपा के हाथों में होगी। मोदी का जादू एवं विकास को दी गयी गति वहां के मतदाताओं का रुझान भाजपा की तरफ आकृष्ट कर रही है। जहां तक मुस्लिम मतदाताओं के मत का सवाल है इससे भाजपा को किसी प्रकार का फर्क नहीं पड़ने वाला है। भाजपा का अपना ‘कैडर वोट’ ही जीत के लिए काफी होगा।
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